जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने गुरुवार को एक बड़ा फैसला सुनाया है। अंग्रेजी विषय की तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती-2016 में बीएड और आरटेट-2011 एक साथ करने वाले अभ्यर्थियों को चयन प्रक्रिया से बाहर नहीं करने को कहा है।
इतना ही नहीं, अदालत ने भर्ती प्रक्रिया पर लगी रोक को भी हटा दिया है और कहा है कि पात्र अभ्यर्थियों को ही चयन प्रक्रिया में शामिल किया जाए। न्यायाधीश वीएस सिराधना की एकलपीठ ने यह आदेश मंजू कुमारी व अन्य की ओर से दायर याचिकाओं पर संयुक्त रूप से सुनवाई करते हुए दिए।
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अदालत को आश्वस्त किया गया कि भर्ती में पात्र अभ्यर्थियों का ही चयन किया जाएगा। चयनीत अभ्यर्थियों के दस्तावेज भी वेबसाइट पर सार्वजनिक किए जाएंगे। याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार ने 11 सितम्बर 2016 को तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती निकाली, जिसमें संबंधित विषय में 60 फीसदी अंकों से आरटेट या रीट उत्तीर्ण होने की शर्त रखी।
इसके अलावा संबंधित विषय स्नातक में भी होना चाहिए था। याचिका में कहा गया कि भर्ती में आरटेट या रीट में 60 फीसदी से कम अंक लाने वालों का भी चयन कर लिया गया। इसके अलावा कुछ चयनित अभ्यथियों के पास स्नातक में संबंधित विषय नहीं है। याचिका में यह भी कहा गया कि कुछ अपात्र अभ्यर्थी संबंधित विषय में एक साल का एडिशनल बीए कर चयनित हो गए। जबकि एक साल के एडिशनल बीए को यूजीसी मान्यता नहीं देता है, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने पिछले दिनों भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी।