जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में हो रही शिक्षक भर्ती के विरोध में समस्त
एससी-एसटी संगठन की ओर से प्रेसवार्ता आयोजित कर इन भर्तियों को रोकने की
मांग की गई। वहीं जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय शिक्षक भर्ती संघर्ष समिति
के सचिव व अन्य पदाधिकारियों ने राज्यपाल को पत्र भेजकर शिक्षक भर्ती को
सही ठहराते हुए से इसे जारी रखने की मांग की है।
जेएनवीयू की ओर से सामान्य संकाय में 62 पदों पर शिक्षक भर्ती की जा
रही है। एक पक्ष इसका विरोध कर रहा है तो दूसरा इसके पक्ष में खड़ा है।
सोमवार को समस्त एससी-एसटी संगठन की प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए
ओमप्रकाश भाटी ने इस भर्ती को रोकने की मांग की। साथ ही उन्होंने
इंजीनियरिंग संकाय की भर्ती व अशैक्षणिक कर्मचारियों की भर्ती को गलत
ठहराते हुए 22 फरवरी को महाआंदोलन की चेतावनी दी। उन्होंने इस आंदोलन काे
‘कुलपति हटाओ आरक्षण बचाओ, बैक-लॉक भरो विश्वविद्यालय बचाओ’ नाम दिया। इस
अवसर पर गिरधारी परिहार, अशोक मेघवाल, मनोज गर्ग, तुलसीदास राज, लखपत
मेघवाल, भवानीशंकर नायर, कन्हैयालाल नायर व भंवर परिहार भी मौजूद थे। वहीं
शिक्षक भर्ती संघर्ष समिति के सचिव डॉ. वीरेंद्रसिंह भाटी, सलाहकार डॉ.
श्रवणकुमार डऊकिया, कोषाध्यक्ष डॉ. हरीश व उपाध्यक्ष डॉ. सोहनराज चौधरी ने
राज्यपाल को पत्र लिखा व भर्ती प्रक्रिया जारी रखने की मांग की। उनका आरोप
है कि जो व्यक्ति भर्ती रोकना चाहते हैं वे खुद पूर्णतया अयोग्य हैं और इस
भर्ती को रोकने में उनका व्यक्तिगत हित है। विधायकों पर आरोप लगाते हुए
बताया कि भर्ती से पूर्व हुई हर सिंडिकेट में ये मौजूद थे और उस वक्त
उन्होंने आपत्ति पत्र नहीं दिया। तो भर्ती प्रक्रिया शुरू होने के एक दिन
पहले विरोध करने का क्या औचित्य है? शिक्षक भर्ती संघर्ष समिति का विरोध
वर्ष 2012-13 की भर्ती से है जो गलत थी। इसे रद्द किया जाए व वर्तमान भर्ती
को जारी रखा जाए।