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तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में अनियमितता की उच्च स्तरीय जांच हो : पायलट

जयपुर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सचिन पायलट ने तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती-2016 में अयोग्य लोगों का चयन किए जाने की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।


पायलट ने कहा कि सरकार ने तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती में आवेदन के लिए आरटेट व रीट में 60 फीसदी न्यूनतम अंक की अनिवार्यता लागू कर रखी है, लेकिन गत दिनों जारी हुए राजस्थान प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय अध्यापक सीधी भर्ती-2016 के लेवल द्वितीय में 60 फीसदी से कम अंक वालों का चयन कर लिया गया। उन्होंने कहा कि इसके अलावा ऐसे अभ्यर्थियों का चयन किया गया है, जिनका संबंधित विषय से कोई सरोकार नहीं है। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व भी प्रदेश सरकार ने जितनी भी भर्तियां की हैं, उनमें योग्य लोगों के स्थान पर भाई-भतीजावाद के हावी होने के साथ ही भ्रष्टाचार का बोलबाला रहा है। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग में लांगरी व अन्य स्टाफ की भर्ती में लाखों रुपए के लेन-देन के प्रकरण संज्ञान में आए हैं।

पायलट ने कहा कि गत दिनों में विधानसभा में हुई चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की भर्ती में रसूखदारों के परिजनों को शामिल कर पात्र लोगों के हकों के साथ समझौता किया गया है। प्रदेश की भाजपा सरकार रोजगार देने में पूरी तरह से विफल रही है और जो भर्तियां पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान शुरू की गई थीं, उनमें भी भाजपा शासन के दौरान जारी प्रक्रिया में भी अनियमितताएं होने से बेरोजगार युवा निराशा के दौर से गुजर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार सरकारी नौकरियां देने के नाम पर गुमराह कर रही है और भाजपा के नेता अलग-अलग आंकड़े जारी कर भ्रम फैला रहे हैं।

उन्होंने सरकार से मांग की है कि गत चार वर्षों में दी गई सरकारी भर्तियों का ब्यौरा पारदर्शिता के साथ विभागवार जारी किया जाए और जिन विभागों में भर्तियों में अनियमितताएं पाई गई हैं, उनकी उच्च स्तरीय जांच करवाकर पात्र बेरोजगारों के अधिकारों पर कुठाराघात करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

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