राजकीय आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय सिंगोडिया में पद रिक्तता होने के
कारण विद्यार्थियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बोर्ड की
परीक्षा को करीब एक माह शेष रहा है। लेकिन विषयाध्यापकों की कमी के कारण कई
विषयों का पाठ्यक्रम अधूरा पड़ा है।
विद्यालय को सरकार ने आदर्श विद्यालय
तो घोषित कर दिया लेकिन कई सुविधाएं इस विद्यालय से कोसों दूर है। गणित व
विज्ञान विषय के वरिष्ठ अध्यापक नहीं होने के कारण दसवीं और बाहरवीं
कक्षाओं का पाठ्यक्रम अधूरा ही पड़ा है। दोनो महत्वपूर्ण होने के बावजूद
इनके विषयाध्यापकों की नियुक्ति नहीं की गई है। हालांकि संस्था प्रधान अपने
स्तर पर इन विषयाध्यापकों की व्यवस्था कर रहे है लेकिन इससे अन्य विषयों
का भी अध्यापन प्रभावित हो रहा है। विद्यालय में बाबू का पद खाली होने के
कारण शिक्षकों को सारे लिपिकीय कार्य करने पड़ते है। ऐसे में अध्यापन कार्य
प्रभावित हो रहा है। वहीं लाइब्रेरियन का पद भी रिक्त होने के कारण
लाइब्रेरी पर भी ताला लगा हुआ है।
कई बार बताई समस्या, समाधान नहीं : गणित एवं विज्ञान के शिक्षकों की
कमी को लेकर सिंगोडिया सरपंच एवं विद्यालय के प्रधानाचार्य ने जिला
कलेक्टर, माध्यमिक जिला शिक्षा अधिकारी एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी से चार
बार व्यक्तिगत रूप से मिलकर समस्या के समाधान की मांग की लेकिन इसके
बावजूद आज तक अध्यापकों की व्यवस्था नहीं हो पाई। सरपंच हनुमान बेनीवाल ने
बताया कि पिछले सत्र में अपने स्तर पर गणित व विज्ञान विषयाध्यापकों की
व्यवस्था की थी। लेकिन इस सत्र में अध्यापकों की व्यवस्था नहीं होने के
कारण विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
स्वीकृत 21 पद में से तेरह कार्यरत
स्कूल में 500 छात्र-छात्राएं अध्यनरत है। इन्हें पढ़ाने के लिए
व्याख्याता वरिष्ठ अध्यापकों व अध्यापकों के 21 पद स्वीकृत है। वर्तमान में
स्थिति यह है कि विद्यालय में महज 13 व्याख्याता व अध्यापक कार्यरत है। 8
पद खाली है। मुख्य विषयों के पद खाली होने के कारण पढ़ाई प्रभावित हो रही
है। विद्यालय में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी नहीं होने के कारण विद्यालय सफाई
से लगातार संबंधित सभी कार्य अध्यापकों को अपने स्तर पर करवाने पड़ते है।
स्कूल में वरिष्ठ अध्यापकों के पद रिक्त हैं, इसको लेकर शिक्षा विभाग
को लिखा है। रिक्त पदों के चलते शिक्षण व्यवस्था प्रभावित हो रही है। फिर
भी वैकल्पिक व्यवस्था कर रहे है। - रूढ़ाराम चौधरी, प्रधानाचार्य राजकीय
आदर्श उमावि सिंगोडिया
पीईईओ योजना बनी परेशानी
सरकारी विद्यालयों में बेहतर मैनेजमेंट के लिए पीईईओ व्यवस्था
शुरू की गई है। इसमें ग्राम पंचायत की सभी स्कूलों को मिलाकर पीईईओ के अधीन
कर दी है। ऐसे में सिंगोडिया क्षेत्र के सभी 15 विद्यालयों की मॉनिटरिंग
प्रधानाचार्य को करनी पड़ती है। इन स्कूलों से रोजाना प्रवेशोत्सव डाक सहित
सभी योजनाओं की क्रियान्वयन संबंधी प्रगति रिपोर्ट बनाकर प्रस्तुत करनी
पड़ती है। उच्च अधिकारियों से आए आदेश व नवीन सूचनाएं सभी विद्यालयों को
उपलब्ध करवानी पड़ती है। इस कारण पूरे दिन प्रधानाचार्य इसमें व्यस्त रहते
है और विद्यालय के मैनेजमेंट व पढ़ाई पर असर पड़ता है।
अगर सिंगोडिया में पद रिक्तता की स्थिति है तो प्रधानाचार्य से बात
करके व्यवस्था करवाने की कोशिश करेंगे। आगामी नई भर्ती होते ही रिक्त पदों
को भर दिया जाएगा। -ओमप्रकाश शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक, बाड़मेर