बाड़मेर.दो माह से वेतन का इंतजार कर रहे जिले के तीन
हजार शिक्षकों को आखिरकार नवम्बर का वेतन मिल जाएगा। राज्य सरकार ने प्रदेश
में चार सौ करोड़ रुपए का बजट जारी किया, जिसके चलते जिले को भी राशि मिली
है। हालांकि यह राशि अपर्याप्त है, एेसे में एक माह का वेतन ही मिल पाएगा।
दिसम्बर के वेतन को लेकर शिक्षकों को अभी भी इंतजार करना पड़ेगा। जिले में
प्राथमिक शिक्षा के तहत 17 ब्लॉक में लगे करीब तीन हजार शिक्षकों को
नवम्बर व दिसम्बर का वेतन नहीं मिला है। इसके चलते उनके घरों का बजट
गड़बड़ा गया था। इसको लेकर राजस्थान पत्रिका ने 6 जनवरी अंक में 'शिक्षकों
का वेतन अटका, तीन हजार घरों का बजट गड़बड़ाया Ó शीर्षक से समाचार प्रकाशित
कर शिक्षकों की पीड़ा को उजागर किया था। इसके बाद विभाग ने इस मामले को
गंभीरता से लिया। प्राथमिक शिक्षा निदेशालय ने प्रदेश में बकाया वेतन को
लेकर 400 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं। इसके चलते प्रदेश के साठ हजार
शिक्षकों को वेतन मिल जाएगा। इस राशि में से जिले के सभी 17 ब्लॉक में राशि
जमा की गई है। आने वाले एक-दो दिन में वेतन मिल जाएगा।
घर चलाना मुश्किल-
बजट समय पर नहीं मिलने पर शिक्षकों के घरों का बजट गडग़ड़ हो गया। स्थिति
यह थ्ीा कि दो माह से कई शिक्षक उधारी चुका नहीं पा रहे थे। एेसे में
शिक्षक संगठन व शिक्षक बार-बार समय पर वेतन की मांग उठा रहे थे। अब बजट
आवंटित होने से एक माह का ही सही वेतन मिलेगा तो थोड़ी तो राहत मिलेगी।
जरूरत ज्यादा,मिला आधा- जिले में प्राथमिक शिक्षा के
तहत करीब बारह-तेरह हजार शिक्षक कार्यरत हैं। इनको केन्द्रीय निधि व राज्य
निधि कोष से वेतन दिया जाता है। वर्तमान में केन्द्रीय निधि कोष से बजट
नहीं मिलने पर शिक्षकों का वेतन अटक गया है। हालांकि अभी राज्य निधि कोष से
बजट जारी होने से एक माह का वेतन दिया जा रहा है।
अधूरा बजट-
अभी जो बजट जारी यिका गया है, वह अधूरा है। एेसे में दो माह का वेतन नहीं
मिल पाएगा। समय पर वेतन मिले, यह सुनिश्चित होना चाहिए।- खुदाबक्स खलीफा,
शिक्षक नेता ब्लॉक गडरारोड
पूरे बजट की करेंगे मांग- हालांकि अभी बजट तो जारी हुआ है, लेकिन आधा ही है। इससे थोड़ी राहत मिली है। हम सरकार से एक साथ पूरा बजट देने की मांग करेंगे।-नूतनपुरी गोस्वामी, जिलाध्यक्ष राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यकि शिक्षक संघ
एक माह का वेतन मिलेगा- ब्लॉक को आवंटित बजट से नवम्बर का वेतन मिल पाएगा। शीघ्र ही वेतन जारी कर देंगे।- कृष्णसिंह राणी गांव, बीईईओ बाड़मेर