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शिक्षक संघ सियाराम ने रैली निकाल सातवें वेतन आयोग की विसंगतियों को खत्म करने की मांग रखी

भास्कर संवाददाता | डूंगरपुर राजस्थानशिक्षक संघ (सियाराम) की जिला कार्यकारिणी के पदाधिकारियों और सदस्यों ने गुरुवार को शहर में रैली निकालकर सातवें वेतन आयोग की विसंगतियों को दूर करने की मांग रखी।
जिला मंत्री निखिल जैन ने बताया कि सुबह संगठन के जिलेभर के सदस्य डाइट में एकत्रित हुए।

डाइट भवन से वे रैली के रुप में तहसील चौराहे से होते हुए कलेक्ट्री पहुंचे। वहां पर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। प्रांतीय उपाध्यक्ष सुभाष भट्ट ने बताया कि राज्य सरकार ने छठे वेतनमान की विसंगतियों को दूर करने से पूर्व सांतवा वेतन आयोग लागू कर दिया। जिसमें केंद्र के समान वेतन शिक्षक को नहीं मिल रहा हैं। वहीं 1 जनवरी 2016 से शिक्षक को एरियर का भुगतान भी किया जाए। प्रांतीय महिला मंत्री अनिता पंडया, जिला उपाध्यक्ष विष्णु कटारा, नारायण परमार,

जिला मंत्री निखिल जैन, संघर्ष समिति संयोजक हेमंत चौबीसा, अशोक गामोट, कार्यकारी अध्यक्ष हीरालाल खटीक, आशिष पंडया, वाडीलाल लबाना, हेमेंद्र रावल, बसंत गर्ग, रामसिंह सिसोदिया, कमलेश चौबीसा, हिमांशु उपाध्याय, लालशंकर पाटीदार, हरिओम पंचाल, कल्याणसिंह, लक्ष्मणसिंह, इलेश शर्मा, नरेंद्र वर्मा, रणजीतसिंह राठौड, संतोष जोशी, गोविंद वर्मा सहित सदस्य मौजूद थे।

सीमलवाड़ा.राजस्वकर्मचारियों ने सातवे वेतन आयोग के वर्तमान स्वरूप के विरोध में ज्ञापन सौपकर विरोध जताया।

इधर, राजस्थान शिक्षक संघ प्रगतिशील ने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। इसमें शिक्षकों को केंद्र के समान सातवें वेतन आयोग का लाभ दिया जाए। ज्ञापन देते समय जिलाध्यक्ष मोहनलाल यादव, विनोद दशोरा, हवंचद कलाल सहित सदस्य मौजूद थे।

पटवार मंडल संघ सीमलवाड़ा के सदस्यों ने बताया कि सातवे वेतन परिलाभ केन्द्र सरकार के समान एक जनवरी 2016 से नकद भुगतान करने समेत मांगें की हैं। ब्लॉक अध्यक्ष योगराज सिंह, सीतल पंड्या, सरिता डामोर, हरदेश कुमार, दिनेश डामोर समेत मौजूद रहे।

डूंगरपुर. राजस्थान शिक्षक संघ सियाराम की ओर से शहर में निकाली रैली।

डूंगरपुर। राजस्थान पैराटीचर्स संयुक्त संघर्ष जिला स्तरीय कमेटी की ओर से पैराटीचर्स संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। जिलाध्यक्ष गौतमलाल रोत ने बताया कि वर्ष 1999 से राजकीय स्कूलों में कार्यरत शिक्ष सहयोगी, पैराटीचर्स, मदरसा पैराटीचर्स, शिक्षाकर्मी जो नियमित शिक्षक की भर्ती अपनी सेवाएं दे रहे हैं। वर्तमान सरकार के चुनावी घोषणा पत्र में उक्त कार्मिकों को नियमित करने का वादा किया था लेकिन सरकार के तीन वर्ष पूरा होने के बावजूद नियमित नहीं किया गया। बजट सत्र 2017 में मात्र 10 प्रतिशत मानदेय वृद्धि कर धोखा दिया। वर्तमान में मात्र 6500 रुपए प्रतिमाह पर कार्यरत है जो महंगाई के दौर में शून्य के बराबर हैं। उन्होंने बताया कि शिक्षा सहयोगी पैराटीचर्स को योग्यता अनुभव के आधार पर राजकीय सेवा में समायोजन किया जाए। विद्यालय सहायक भर्ती शीध्र कर उक्त कार्मिकों को प्रथम वरीयता दी जाए। कार्मिकों को स्थाई शिक्षक के समान समस्त परिलाभ दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के समान राजस्थान में वेतन लागू किया जाए। 

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