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प्रो. दशोरा कमेटी ने 35 सवालों के जरिए मांगे जेएनवीयू शिक्षक भर्ती के दस्तावेज

प्रो.दशोरा ने भास्कर से बातचीत के दौरान बताया, कि वे तो भर्ती रद्द करवाने आए हैं और ही बचाने। उनका कार्य प्रक्रिया सही हुई ये बताना है, जो वे निष्पक्ष रूप से सरकार को बताएंगे।
कमेटी अध्यक्ष के रूप में उनका कहना था, कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की हर सिफारिशें मानना विश्वविद्यालय की बाध्यता नहीं, लेकिन राज्य में यूजीसी की किस सिफारिश को मानना है अथवा किस को नहीं, यह राज्य सरकार तय करती है। अब देखना है कि भर्ती प्रक्रिया राज्य सरकार के फ्रेमवर्क में आती है या नहीं। कुलपति जैसे पद के व्यक्ति को गिरफ्तार करने के मामले में उन्होंने कहा, कि कुलपति जेल जाए, यह एक विषय है। लेकिन अपराध साबित होने के बाद उसे सजा होना अलग बात है। उनका कहना था, कि राज्य सरकार भी यही मानती है कि कुलपति जैसे पद का व्यक्ति ऐसा कृत्य कैसे कर सकता है, इसीलिए तो जांच हो रही है। एसीबी आईपीसी की धाराओं के तहत जांच कर रही है, हम नियमों के तहत। उन्होंने कहा, कि शीघ्र ही इस मामले में जांच पूर्ण कर कमेटी अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सुपुर्द करेगी।

कृषिविश्वविद्यालय भी गए प्रो. दशोरा

सुबहप्रो. दशोरा जोधपुर के कृषि विश्वविद्यालय भी पहुंचे। सूत्रों के अनुसार वे जेएनवीयू कुलपति प्रो. आरपी सिंह के साथ वहां गए थे और वहां के कुलपति प्रो. बीआर चौधरी से मुलाकात की।

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