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रोजगार के अभाव में डिग्रीधारक परेशान, सरकार के प्रति आक्रोश

कस्बे में शुक्रवार को राजस्थान एकीकृत बेरोजगार महासंघ की बैठक हुई जिसमें इकाई संयोजक दिलीप सिंह परमार ने बताया कि सरकार के सत्ता में आने से पूर्व बेरोजगारों 15 लाख नौकरियां देने का वादा किया था लेकिन सरकार के 4 वर्ष होने के करीब हो गए लेकिन सरकार का सबसे बड़ा वादा अब तक अधूरा पड़ा है।
2013 की थर्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती, एलडीसी-2013 की भर्तियां लम्बित हैं उन्हें सरकार पूरा करने में नाकाम साबित हो रही हैं। सरकार एज्यूकेशन फेस्टीवल मनाकर बेरोजगारों को आइना दिखा रही है। शिक्षा विभाग में 63 हजार पद रिक्त पड़े हैं उसके बावजूद सरकार रीट परीक्षा नहीं करा रही जबकि एनसीईआरटी की गाइडलाइन के अनुसार प्रतिवर्ष रीट परीक्षा होना अनिवार्य है। सत्तासीन सरकार ने 4 साल में केवल एक बार रीट परीक्षा कराई है जिसमें भी लेवल सैकंड की भर्ती रद्द हो गई। राज्य सरकार सैकंड ग्रेड, फर्स्ट ग्रेड की भर्तियां नहीं निकाल रही है। संस्कृत शिक्षा विभाग में 2008 के बाद कोई भर्ती नही हुई है। इस कारण संस्कृत विभाग के स्कूलों की स्थिति दयनीय है।

रोजगार की आस में ओवरएज होते अभ्यर्थी

सरकारद्वारा चुनाव के समय की गई 15 लाख रोजगार की घोषणा ने बेरोजगारों के चेहरों पर खुशी का इजाफा किया था लेकिन यह खुशी के पल जल्द दूर हो गये जब राज्य सरकार चार साल में रोजगार का बंदोबस्त नहीं कर पाई इससे परेशान बेरोजगारों युवाओं को अपने भविष्य की चिंता सताने लगी है क्‍योंकि भर्ती ना निकलने पर अधिकांश युवा धीरे धीरे ओवरएज होते जा रहे हैं।

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