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राजस्थान के हज़ारों बेरोज़गार युवाओं की पूरी होगी सरकारी नौकरी की उम्मीद, टीचर बनने की राह हुई साफ़

जयपुर। प्रदेश में तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती परीक्षा-2013 के आठ हजार से अधिक पदों पर पिछले करीब चार साल से अटकी पड़ी नियुक्ति का रास्ता अब साफ हो गया है। जल्द ही इस परीक्षा का संशोधित परिणाम जारी किया जाएगा।

11 सितम्बर तक सभी जिलों में संशोधित परिणाम के आधार पर नई वरीयता सूची जारी करने और अन्य औपचारिकताएं पूरी कर ली जाएंगी। इसके बाद राज्य सरकार नियुक्ति देने की प्रक्रिया शुरू करेगी।

 पंचायत राज विभाग ने सोमवार को इसके लिए सभी जिला कलक्टर और जिला परिषदों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए। इनके अनुसार 18 अगस्त तक सभी जिलों के परिणाम जारी कर विभागीय वेबसाइट पर अपलोड करा दिए जाएंगे।

 दस्तावेज सत्यापन एवं अन्य औपचारिकताओंं के बाद 11 सितम्बर को सभी जिलों में जिला स्थापना समितियों की बैठक कर योग्य अभ्यर्थियों के चयन की प्रक्रिया पूरी होगी। गौरतलब है कि अक्टूबर, 2013 में 20 हजार पदों के लिए यह परीक्षा हुई थी, जबकि दिसम्बर 2014 में इसका परिणाम आया था।

 आरटेट में 60 प्रतिशत से अधिक अंक वाले 11569 अभ्यर्थियों को सरकार ने नियुक्ति भी दे दी थी। लेकिन आरक्षण एवं उत्तर कुंजी के मुद्दों पर मामला अदालत चला गया था।

 फिर मुसीबत की आशंका
अदालत के आदेशानुसार अब संशोधित उत्तर कुंजी से परिणाम जारी करना है। एेसे में कई नए अभ्यर्थियों के वरीयता में आने और कई सेवारत शिक्षकों के वरीयता से बाहर होने की आशंका है। तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती-2012 में भी पहले से करीब 6 हजार सेवारत शिक्षक वरीयता से बाहर हो चुके हैं, जिन पर अभी सरकार कोई फैसला नहीं ले पाई है।



गौरतलब है कि इस नियुक्ति प्रक्रिया में देरी होने की वजह से बड़ी संख्या में बेरोज़गार युवा परेशान हो रहे थे। नियुक्तियां किये जाने की मांग को लेकर कई बार सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी हुए।

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चार सालों में इस भर्ती को लेकर बेरोजगारों पर 55 मुकदमे दर्ज हुए और कई बार लाठियां खानी पड़ीं। यह हमारे चार साल की संघर्ष की जीत है।
उपेन यादव, अध्यक्ष- राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ

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