जयपुर। शीतकालीन छुट्टियों में तबादले
की आस लगाए बैठै तृतीय श्रेणी शिक्षक अब भी निराश हैं। इसको लेकर शिक्षा
विभाग में चर्चा है कि तृतीय श्रेणी शिक्षक तबादलों की प्रक्रिया में
अनुमति का रोड़ा अटका हुआ है।
तबादलों के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय में अनुमति ली जानी थी लेकिन, अनुमति नहीं मिलने से प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई। अब अवकाश समाप्ति में छह दिन शेष हैं। छुट्टियों के बाद तबादले करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। इससे स्कूलों में वार्षिक परीक्षाओं की तैयारी और अन्य शैक्षणिक कार्य भी प्रभावित होने की आशंका रहेगी। हालांकि जनप्रतिनिधियों ने शिक्षा मंत्री के यहां अपनी अनुशंसा भेज रखी हैं। गौरतलब है कि राज्य में तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों का बेसब्री से इंतजार है। पिछले सात साल से इनके तबादले नहीं हो पाए हैं। इसमें सबसे ज्यादा परेशान डार्क जोन कहे जाने वाले 12 जिलों के शिक्षक हैं। इस बार भी उन्हें उम्मीद थी कि तबादला प्रक्रिया में राहत दी जाएगी। सरकार के भी संकेत हैं कि कुछ नियमों के तहत बाड़मेर, जैसलमेर, जालौर, सिरोही सहित 12 प्रतिबंधित जिलों के शिक्षकों के तबादले किए जा सकते हैं। वहीं विभाग में भी सैटअप परिवर्तन, डीपीसी के कारण कई विद्यालयों में तृतीय श्रेणी शिक्षकों को इधर-उधर किए जाने की जरूरत है। विभाग से मिले अनौपचारिक निर्देशों के तहत सभी जिलों में तैयारी हो चुकी है। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालयों ने रिक्त सीटों की स्थिति, शिक्षकों की संख्या और जरूरत सहित सभी तकनीकी पहलुओं पर काम कर रखा है। ऐसे में अचानक से आदेश मिलने पर तत्काल काम शुरू किया जा सके।
तबादलों के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय में अनुमति ली जानी थी लेकिन, अनुमति नहीं मिलने से प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई। अब अवकाश समाप्ति में छह दिन शेष हैं। छुट्टियों के बाद तबादले करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। इससे स्कूलों में वार्षिक परीक्षाओं की तैयारी और अन्य शैक्षणिक कार्य भी प्रभावित होने की आशंका रहेगी। हालांकि जनप्रतिनिधियों ने शिक्षा मंत्री के यहां अपनी अनुशंसा भेज रखी हैं। गौरतलब है कि राज्य में तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों का बेसब्री से इंतजार है। पिछले सात साल से इनके तबादले नहीं हो पाए हैं। इसमें सबसे ज्यादा परेशान डार्क जोन कहे जाने वाले 12 जिलों के शिक्षक हैं। इस बार भी उन्हें उम्मीद थी कि तबादला प्रक्रिया में राहत दी जाएगी। सरकार के भी संकेत हैं कि कुछ नियमों के तहत बाड़मेर, जैसलमेर, जालौर, सिरोही सहित 12 प्रतिबंधित जिलों के शिक्षकों के तबादले किए जा सकते हैं। वहीं विभाग में भी सैटअप परिवर्तन, डीपीसी के कारण कई विद्यालयों में तृतीय श्रेणी शिक्षकों को इधर-उधर किए जाने की जरूरत है। विभाग से मिले अनौपचारिक निर्देशों के तहत सभी जिलों में तैयारी हो चुकी है। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालयों ने रिक्त सीटों की स्थिति, शिक्षकों की संख्या और जरूरत सहित सभी तकनीकी पहलुओं पर काम कर रखा है। ऐसे में अचानक से आदेश मिलने पर तत्काल काम शुरू किया जा सके।