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इच्छा शक्ति से हराया आंखों के अंधेरे को

राजस्थान बाह्मण महासभा आरक्षण मंच की ओर नव चयनित आरएएस अधिकारी हीना कल्ला का माला पहनाकर छोल ओढ़ाकर स्वागत किया गया। नवचयनित आरएएस हीना कल्ला जोधपुर में वर्ष 2006 में बाहरवीं कक्षा में अध्ययनरत थी।
उस समय प्लेटिना रिप्लेसमेंट की बीमारी होने के कारण आंखों की रोशनी चली जाने से दिव्यांग हो गई। लेकिन हीना ने हिम्मत नहीं हारी और निरंतर पढ़ाई शुरू रखी।

उसके बाद वर्ष 2015 में हीना कल्ला का प्रथम प्रयास में व्याख्याता में चयन हो हुआ। दूसरे प्रयास में हीना कल्ला राजस्थान ब्लाइंड कैटेगरी आरएएस 2013 राजस्थान में आरएएस बन गई। नवचयनित आरएएस हीना कल्ला ने कहा की अगर मन मे दृढ़ संकल्प हो तो हमेशा अच्छा परिणाम मिलता है। इंसान को हिम्मत नहीं हारकर मेहनत करनी चाहिए। बालिका शिक्षा के साथ-साथ प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को आगे आने का अवसर दें ताकि समाज का गौरव विकास हो सके। इस अवसर पर मंच के अध्यक्ष पूनम चन्द रामदेव, राजस्थान बाह्मण महासभा ब्लॉक अध्यक्ष हनुमान प्रसाद दवे, रामसिंह गुडानाल, गजेंद्र कुमार शर्मा, राजपुरोहित छात्रावास अधीक्षक आंबसिंह इन्द्राणा, शैतानसिंह, चेतन दवे, दिनेश रामदेव सहित लोग उपस्थित थे। 

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