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मजा हुआ किरकिरा, शीत कालीन अवकाश में गुरुजन कर रहे है प्रशिक्षण प्राप्ति का काम

अजमेर। शिक्षकों को बालक-बालिकाओं के बौद्धिक स्तर, क्षमता के अनुसार विभाजित कर अलग-अलग ग्रुप बनाकर उन्हें पढ़ाने की कला के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है।

राष्ट्रीय माध्यमिक अभियान (रमसा) की ओर से कक्षा एक से बारहवीं तक कक्षा एक से पांच में पढ़ाने वाले शिक्षक शिविर में अपेक्षित हैं। गुरुवार को पत्रिका की ओर से शहर में आयोजित दो प्रशिक्षण शिविरों का जायजा लिया गया।
इस दौरान शिक्षक-शिक्षिकाओं ने अनुशासन, धैर्य एवं मध्यांतर का किस तरह उपयोग किया जाए यह देखने में मिला।
केस : 1
दोपहर करीब 2.45 बजे राजकीय जवाहर सी.सै. स्कूल में शिक्षक-शिक्षिकाएं बाहर लोन में प्रपत्र की पूर्ति करने में व्यस्त मिले। शिक्षिकाएं प्रपत्र भरी थीं। कुछ मोबाइल के व्हाट्सएप ग्रुप पर निजी कार्य में व्यस्त। प्रशिक्षक प्राचार्य कक्ष में व्यस्त थे। शिविर की जानकारी लेने पर शिक्षक-शिक्षिकाओं ने बताया कि सहायक निदेशक के कार्यक्रम के चलते मध्यावकाश एक घंटे देरी से शुरू हुआ। इसके चलते शिक्षक-शिक्षिकाएं सभागार से बाहर हैं। विद्यालय प्राचार्य धर्मेन्द्र त्यागी के अनुसार गुरुवार को शिविर में 72 में से 71 प्रतिभागी उपस्थित रहे।
केस : 2
अपराह्न 3.20 बजे चूड़ी बाजार स्थित केन्द्रीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय भवन में सभागार में सहायक निदेशक शिक्षक-शिक्षिकाओं को संबोधित कर रहे थे। जबकि दो शिक्षक विद्यालय के बाहर बाजार से खरीदारी में जुटे हुए थे। चूड़ी बाजार में फोटो खींचने के बाद वे शिविर स्थल पर पहुंचे और शिक्षकों के मध्य बैठ गए। जबकि मंच पर अति. जिला शिक्षा अधिकारी ओमप्रकाश शर्मा एवं विद्यालय प्राचार्य अंशु बंसल मौजूद थी।

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