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जानिए, मंत्रियों से ताकतवर विभाग छीनने के पीछे की पूरी कहानी...

जानिए, मंत्रियों से ताकतवर विभाग छीनने के पीछे की पूरी कहानी...
राज कुमार रिणवा : एसीबी ने पिछले साल 16 सितंबर को खान विभाग में करोड़ों का घोटाला पकड़ा। तत्कालीन प्रमुख सचिव सहित कई अफसर जेल गए। तब मंत्री रिणवा ने कहा था कि प्रमुख सचिव फाइलें नहीं भेजते थे। किरकिरी हुई। रिणवा को अब देवस्थान दिया।

किरण माहेश्वरी :19 जुलाई 2016 को एसपीएमएल घूसकांड का खुलासा। चीफ इंजी. आरके मीणा, एडि. चीफ इंजी. सुबोध जैन जेल गए। मंत्री के तत्कालीन ओएसडी आरपी गुप्ता पर भी अंगुली उठी। पांच माह में माहेश्वरी से पीएचईडी लिया व उच्च शिक्षा विभाग दिया।
राजेंद्र राठौड़ :एनएच घोटाले में आईएएस नीरज के.पवन सहित 3 अफसर जेल गए। मंत्री राजेंद्र राठौड़ थे। अब उनकी वरिष्ठता को देखते हुए ग्रामीण विकास व पंचायती राज जैसा महत्वपूर्ण विभाग दिया। आने वाले चुनाव के मद्देनजर यह विभाग खासा प्रभावी है।
प्रभु लाल सैनी :कृषि, पशुपालन, मत्स्य व गोपालन विभाग संभाल रहे सैनी को विवादों के कारण गोपालन खोना पड़ा। यह विभाग सबसे बड़ा था। गोपालन में ही डेयरी आता है। पुलिस ने मिलावट के आरोप में जयपुर डेयरी के विजिलेंस अफसर को पकड़ा।
राजपाल सिंह शेखावत : यूडीएच मंत्री के तौर पर शेखावत का अफसरों से तारतम्य नहीं बैठा। पृथ्वीराज नगर मामले में उन्होंने सीधे जेडीए अफसरों पर गंभीर आरोप लगाए। इसी कारण यूडीएच लेकर उद्योग दिया।
ओटा राम देवासी :ये भी विवादों में रहे हैं। मंत्री बनने के बाद भी वह अपने गांव में ट्रस्ट वाले मंदिर के पुजारी बने हुए हैं। ओटा राम से देवस्थान विभाग वापस लेकर गोपालन विभाग का राज्य मंत्री बनाया गया है।
...इधर विवादों में रहे यूनुस और मजबूत
विवादों में रहने के बावजूद यूनुस खान और मजबूत हुए हैं। परिवहन व पीडब्लूडी उनके पास पहले से थे, अब राज्यमंत्री को हटाकर और मजबूती दी है। गैंगस्टर आनंदपाल के भागने के बाद यूनुस विवादों में हैं। रोडवेज के तत्कालीन चेयरमैन सालोदिया ने भी सरकार के खिलाफ प्रेस कांफ्रेंस की, लेकिन मंत्री को भनक तक नहीं लगी।

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