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7वें वेतन आयोग लागू करने से पहले कर्मचारी मांग रहे 5वें और 6ठे आयोग का बकाया पैसा

जयपुर। केंद्र सरकार की ओर से सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू किए जाने के बावजूद राज्य के कर्मचारी इसे यहां लागू कराने में दिलचस्पी नहीं ले रहे। कर्मचारियों को डर है कि यदि सातवां वेतनमान लागू हो गया तो उनके पांचवें और छठे वेतनमान की छोटी-छोटी विसंगतियां दूर नहीं हो पाएंगी और छोटे-छोटे लाभ नहीं मिल पाएंगे। क्या हैं विसंगतियां.. .

-असल में राज्य सरकार की ओर से पिछले 5वें और 6ठे वेतनमान के लागू किए जाने के वक्त कुछ विसंगतियां रह गई थीं।
-उन्हीं विसंगतियों को दूर करने की मांग उठाने के लिए अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ(एकीकृत)की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में फैसला किया गया।
-इसकी अध्यक्षता शिक्षक नेता सियाराम शर्मा ने की।
-प्रदेश के सभी जिलाध्यक्षों एवं कार्यकारिणी के सदस्यों ने कहा की पहले विसंगतियां दूर होनी चाहिए,फिर 7 वें वेतनमान को लागू किया जाए।
-अन्यथा कर्मचारियों को वास्तविक लाभ नहीं मिल पाएगा।
-बैठक में प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र सिंह ने कहा कि कर्मचारियों की वाजिब मांगों को मनवाने के लिए आगामी जनवरी माह में अजमेर संभाग अधिवेशन कर महासंघ ताकत का प्रदर्शन करेगा।
-इसमें 7वें वेतन आयोग लागू करने से पहले विसंगतियां दूर करना,प्रबोधकों के स्थानांनतरण किए जाने एवं संविदा कर्मियों के मानदेय में वृद्धि सहित सभी मांगो पर पूरी चर्चा की जाएगी।
-दिसम्बर माह में सभी जिलों में जिला अधिवेशन कर संगठनात्मक मजबूती पर जोर दिया जाएगा।
-प्रदेश महामंत्री संतोष विजय ने बताया कि कर्मचारियों ने महासंघ की रणनीति एवं प्रदेशाध्यक्ष महेन्द्र सिंह की कूटनीति पर भरोसा जताते हुए विश्वास व्यक्त किया है कि आने समय में तथा सरकार के वर्तमान कार्यकाल के बचे हुए समय में घोषणा पत्र के बिन्दुओं समेत सभी मांगों पर निर्णय होगा। महेन्द्र सिंह एवं मुख्यमंत्री के बीच लगातार संवाद कायम हैं। इसका फायदा प्रदेश के कर्मचारियों के प्रत्येक वर्ग को मिलेगा। बैठक में प्रमुख रूप से केसर सिंह चंपावत,राजेन्द्र राणा,शशिभूषण शर्मा,सुरेन्द्र सिंह शेखावत,मंजीत कौर,तोताराम चौैहान आदि उपस्थित थे।

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