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686 डॉक्टरों की भर्ती का असमंजस दूर, लेकिन इस बैच के अभ्यर्थियों को उठाना होगा खामियाजा

जयपुर। राजस्थान में डॉक्टरों की कमी कुछ हद करने में खुद सरकारी भर्ती मशीनरियां ही आड़े आ रही हैं। राज्य सरकार के निर्देश पर हाल ही में राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय ने डॉक्टरों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की है। 1000 या 686 पदों की भर्ती का असमंजस तो विवि ने अब दूर कर दिया है।

लेकिन अब नए कायदों से फिर अभ्यर्थियों के सामने मुसीबत खड़ी हो गई है। विवि की वेबसाइट पर संशोधित किए गए नए नियमों के अनुसार अब २२ जनवरी को इंटर्म पूरी होने पर ही आवेदन किया जा सकेगा। पहले यह तिथि ३ अप्रेल रखी गई थी।
इसका खमियाजा उन अभ्यर्थियों को उठाना पड़ेगा, जो 2011 बैच के हैं। जिनकी इंटर्म मार्च में पूरी होगी। लेकिन अब वे आवेदन नहीं कर पाएंगे। बताया जा रहा है कि, इस कायदे से 686 पदों की इस भर्ती में 100-150 से ज्यादा आवेदन ही नहीं आएंगे।
अप्रेल के बाद भी होंगी खाली सीटें
अभ्यर्थियों का कहना है कि इस तरह के नियमों से ज्यादा अभ्यर्थियों को आवेदन का मौका ही नहीं मिलेगा। अब तक के अनुभवों के अनुसार कई अभ्यर्थी अप्रेल के बाद इन सर्विस कोटे से पीजी के लिए आवेदन करेंगे। जिससे वे सीटें भी खाली हो जाएंगी। इस मामले में अभ्यर्थी चिकित्सा मंत्री से मिले तो उन्हें बताया गया कि 1500 और डॉक्टरों की भर्ती के लिए वित्त विभाग के पास प्रस्ताव भेजा गया है, ये अभ्यर्थी उसमे आवेदन कर सकते हैं।
आवेदन शुल्क भी भारी भरकम
राजस्थान सहित देश भर में संभवतया यह विवि एेसी एक मात्र भर्ती एेजेंसी है, जो आवेदन शुल्क के नाम पर ५ हजार रुपए का भारी भरकम शुल्क वसूल कर रहा है। राजस्थान में अन्य एेजेंसियों की ओर से आवेदन शुल्क 1000 रुपए के आस पास ही है। पूर्व में भी कई बार यह मामला उठा, लेकिन विवि की मनमानी और राज्य सरकार के मूकदर्शक बने रहने के लिए अभ्यर्थियों को राहत नहीं मिल पाई।

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