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सरकारी कर्मचारी अगर नशे का आदी तो पत्नी को मिलेगी शराबी की आधी सैलरी

ब्यावर. सरकारी कर्मचारी अगर नशे का आदी हुआ तो उसे अपना आधी पगार ही मिल सकेगी। आधी पगार उस पर आश्रित परिजनों और उसके वृद्ध माता पिता को मिलेगी। ऐसा तब हो सकता है जबकि या तो कर्मचारी ड्यूटी के दौरान कभी नशे में पाया गया या उसके परिजनों द्वारा संबंधित विभाग को शिकायत दी गई हो।
गौरतलब है कि कई राजकीय कर्मचारियों के अक्सर शराब पीने की शिकायतें आती रहती है।
ऐसे कर्मचारियों द्वारा घर पर पूरी पगार नहीं देने की शिकायतें मिलने पर कार्मिक विभाग द्वारा ये कदम उठाया गया है। इस कदम के पीछे कार्मिक विभाग की मंशा नशेड़ी कर्मचारियों के नशे की प्रवृत्ति से पीछो छुड़ाने का भी मकसद है। उक्त आदेश कार्मिक विभाग के प्रमुख शासन सचिव मुकेश शर्मा ने जारी किए हैं।
जांच के बाद अाधी पगार परिजनों के खाते में
राजकीय कर्मचारियों के आचरण के संबंध में राजसेवक के शराब एवं अन्य नशीले पदार्थ के सेवन के आदि होने की शिकायत दर्ज करवाई जा सकेगी। राजसेवक के आचरण संबंधित शिकायत परिजन या अन्य सूत्रों से मिलने पर नियमानुसार जांच करवाई जाएगी। जांच में राजसेवक के दोषी पाए जाने पर उसके मासिक वेतन का 50 प्रतिशत पारिवारिक दायित्वों के निर्वहन के लिए राजसेवक के परिजन(जिसका परिस्थिति के अनुसार निर्धारण किया जाएगा) के खाते में सीधे ही स्थानांतरित कर दी जाएगी। शेष 50 प्रतिशत नियमानुसार कार्मिक के खाते में जमा होगी।
परिजनों के हित में
प्रदेश सरकार के ऐसे कई राजकीय कर्मचारी हैं जो शराब के सेवन के आदि होने के कारण अपने परिजनों, पत्नी, विकलांग पुत्र या वृद्ध माता पिता के भरण पोषण और पारिवारिक जिम्मेदारियों का निर्वहन अच्छे से नहीं कर रहे। इसकाे लेकर प्रदेश सरकार के कार्मिक विभाग ने राजस्थान सिविल सेवाएं(आचरण) नियम 1971 के नियम 4 के उपनियम 6 के तहत के प्रावधान के तहत लिया गया है।
अधिक नशे पर पाबंदी: राजस्थान सिविल सेवाएं(आचरण) नियम 26 के उपनियम डी में यह प्रावधान है कि कोई भी राजसेवक मादक द्रव्य का अधिक उपयोग नहीं करेगा।
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