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शून्य नामांकन वाले स्कूल में नियम विरुद्ध ज्वॉइनिंग

शिक्षाविभाग के अधिकारियों की उदासीनता के चलते सरकारी नियमों की अनदेखी कर शून्य नामांकन वाले स्कूल में दो शिक्षिकाओं को लगा दिया गया है। जबकि ब्लॉक में कई स्कूलों में बच्चों के अनुपात में शिक्षकों की कमी के चलते तालाबंदी की शिकायते हुई।
ऐसा ही एक घोर लापरवाही का मामला तूंगा उपतहसील क्षेत्र की ग्राम पंचायत राजपुरा-पातलवास के चरणगढ़ गांव की सरकारी स्कूल राजकीय प्राथमिक विद्यालय में देखने को मिला है। जहां 23 जून 16 से स्कूल में बच्चों का नामांकन शून्य रहने के उपरांत भी काउंसलिंग के दौरान दो अध्यापिकाओं को शून्य नामांकन वाले स्कूल में 25 जुलाई को नियमों के विरुद्ध पदभार ग्रहण करवाया गया। जानकारी के अनुसार राजपुरा पातलवास पंचायत के चरणगढ़ गांव की प्राथमिक स्कूल में 25 जुलाई से पहले दो अध्यापक देवनारायण महावर राधेश्याम सैनी कार्यरत थे। उनकी लापरवाही के कारण विद्यालय में प्रवेशोत्सव के दौरान भी एक भी बच्चें का नामांकन दर्ज नहीं हुआ। उन्होंने 23 जून से रजिस्‍टर में शून्य नामांकन कर दिया। लेकिन विभाग को इसकी जानकारी नहीं पहुंचने के कारण शिक्षा विभाग के फेरबदल में राजपुरा गांव की सीनियर हायर सैकंडरी विद्यालय में कार्यरत शिक्षिका अनिता देवी शर्मा शिबा अख्तर को जिला शिक्षा अधिकारी की काउंसलिंग में दोनों को यहां चरणगढ़ स्कूल में जोइन करने के आदेश थमा दिए।
डीईओं के सामने ही अध्यापिकाओं ने चरणगढ़ स्कूल में बच्चों का शून्य नामांकन होने की बात कही थी। लेकिन किसी ने एक नहीं सुनी ओर नतीजन 25 जुलाई को दोनों शिक्षिकाओं ने शून्य नामांकन वाले स्कूल में जोइन करना पडा़। जोइन करते वक्त भी पहले से कार्यरत अध्यापक देवनारायण महावर को नियमों की दुहाई दी गई थी। लेकिन सरकारी आदेशों की किसी ने परवाह नहीं की। दोनों अध्यापिकाओं को जोइन करानें के बाद वे दोनों भी अन्य स्कूलों में चले गए। स्कूल में पिछले सवा महीने से दोनों अध्यापिकाएं बिना बच्चों के ही रोजाना बैठकर चली जाती है, जबकि आसपास के गावों की दूसरी स्कूलों में शिक्षकों की कमी चल रही है। बीईओ ने जून महीने में दोनों अध्यापिकाओं को शिक्षा व्यवस्था में अन्य स्कूलों लगाया था।शिक्षा विभाग के समानीकरण में दोनों अध्यापिकाओं को राजपुरा की सीनियर हायर सेकंडरी से हटने के बाद जून के महीने में नजदीकी स्कूल में बच्चों का नामांकन अधिक होने पर अनिता देवी को चित्तौड़ी गांव की यूपीएस स्कूल में शिबा अख्तर को दुबली गांव की यूपीएस स्कूल में लगाया गया था। बाद में शिक्षा विभाग की काउंसिलिंग में दोनों को शून्य नामांकन की स्थिति में चरणगढ़ में लगाया गया। विधायक के गांव की उच्च प्राथमिक स्कूल तीन के भरोसे क्षेत्रिय विधायक अंजु धानका के गांव दुबली की सरकारी स्कूल राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय पिछले काफी समय से तीन अध्यापकों के भरोसे चल रही है, जबकि विद्यालय में बच्चों की संख्या भी सवा सौ से ज्यादा हैं। सरकारी स्कूल में 125 बच्चों का नामांकन हाेने के उपरांत भी इस ओर ध्यान देने से बच्चों पढ़ाई बाधित हो रही है। शिक्षक लगवाने के लिए ग्रामीणों ने कई बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन स्थिति जस की तस है।
राजकीय प्राथमिक विद्यालय चरणगढ़ की प्रधानाध्यापिका अनिता शर्मा का कहना है की इस स्कूल में 23 जून से ही बच्चों का नामांकन शून्य चल रहा है। हमने इस बारे में अधिकारियों को बताया था।
ब्लॉक शिक्षा अधिकारी रमेशचंद का कहना है की चरणगढ़ गांव की सरकारी स्कूल में शून्य नामांकन की जानकारी पहले से ही है। बस्सी ब्लॉक में चरणगढ़ नयागांव की दो प्राथमिक स्कूल है जहां शून्य नामांकन है। डीईओं को शून्य नामांकन के मामले की जानकारी दे दी गई है। शून्य नामांकन स्कूलों के अध्यापकों को दूसरी जगहों पर समायोजित किया जाएगा।
इस बारे में क्षेत्रीय विधायक अंजु धानका का कहना है की दुबली के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में शिक्षकों की कमी के बारे में ग्रामीणों ने जुलाई में उन्हें अवगत कराया था। तब विभागीय अधिकारियों से शिक्षक लगाने के लिए कहा था। दुबली स्कूल में शिक्षकों की कमी चल रही है तो शिक्षा मंत्री जी से बात की जाएगी। शून्य नामांकन वाले स्कूलों से समायोजित करने वाले अध्यापक लगाते हैं तो शिक्षकों की कमी दूर हो जाएगी।
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