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राज्य सरकार राजस्थान को शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने के लिये संकल्पित - गृहमंत्री

जयपुर 8 सितम्बर। गृहमंत्री श्री गुलाब चंद कटारिया ने महिला शिक्षा पर जोर देते हुये कहा कि राज्य सरकार राजस्थान को सम्पूर्ण साक्षर एवं अग्रणी प्रदेश बनाने के लिये दृढ़ संकल्पित है तथा इसके लिये सरकार द्वारा बहुआयामी स्तर पर सार्थक प्रयास किये जा रहे हैं।
श्री कटारिया गुरूवार को जिला परिषद के सभागार में संभाग स्तरीय अन्तर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आजादी के 70 साल बाद भी हमारे देश में शिक्षा का प्रतिशत 81 प्रतिशत है जबकि प्रदेश में साक्षरता का प्रतिशत 79 है। इसी प्रकार राज्य में पुरूषों की साक्षरता का प्रतिशत 67 है जबकि महिलाओं की साक्षरता प्रतिशत 52 प्रतिशत है इसलिये हम सब को मिलकर महिला शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये पूरे मनोयोग से महत्वपूर्ण प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि दुनिया में हमे मजबूती के साथ खड़ा होना है तो देश को शिक्षा के उच्चतम स्तर पर ले जाना होगा, इसमें आम व्यक्ति की भागीदारी जरूरी है। उन्होंने कहा कि देश व प्रदेश की तरक्की के लिये समाज के प्रत्येक व्यक्ति को शिक्षित होना आवश्यक है। राज्य सरकार द्वारा बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये विभिन्न महत्वपूर्ण योजनाएं प्रारम्भ की गयी है जिसके तहत 10वीं एवं 12वीं कक्षा में 75 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाली बालिकाओं को गार्गी पुरस्कार से प्रतिवर्ष सम्मानित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 12वीं कक्षा में 75 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाली बालिकाओं को 5 हजार रूपये एवं 10वीं कक्षा में 75 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाली बालिकाओं को 3 हजार रूपये सम्मान स्वरूप बालिकाओं को प्रदान किये जाते है। ग्रहमंत्री ने कहा कि वर्ष 1952 में प्रदेश में कुल शिक्षा का प्रतिशत 8.3 था जिसे हमने इस चुनौति को स्वीकार कर सभी के सहयोग से बहुत आगे कदम बढ़ाये है किन्तु अभी भी हमें देश एवं प्रदेश को सम्पूर्ण साक्षर एवं शिक्षित बनाने के लिये सामुहिक रूप से संकल्पित होकर कार्य करने की महती आवश्यकता है। श्री कटारिया ने कहा कि वे जब विश्वविद्यालयों के दीक्षान्त समारोह में जाते हैं तो वहां 100 गोल्ड मैडल दिये जाने वाले विद्यार्थियों में 60 लड़कियां होती है ये हमारे लिये प्रसन्नता की बात है। समारोह की अध्यक्षता करते हुये जिला प्रमुख श्री मूलचंद मीना ने कहा कि राज्य के लिये साक्षरता चुनौतिपूर्ण कार्य है। उन्होंने प्रदेश में निरक्षरता को समाप्त कर राज्य को सम्पूर्ण साक्षर व शिक्षित बनाने के लिये एकजुटता से कार्य करने पर जोर देते हुये कहा कि भारत की प्राचीन समय में विश्व गुरू के रूप में पहचान रही है इसे पुनः कायम करने हेतु सभी को मिलकर प्रण लेना होगा। समारोह में उप जिला प्रमुख श्री मोहनलाल शर्मा ने कहा कि राज्य में साक्षरता में काफी प्रगति की है किन्तु अभी भी प्रदेश को सम्पूर्ण साक्षर एवं शिक्षित बनाने के लिये महिला शिक्षा को बढ़ावा देने के और अधिक प्रयास किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हम सब को मिलकर प्रतिज्ञा लेनी होगी की कि समाज में कोई भी व्यक्ति निरक्षर नहीं रहे। जिला परिषद की शिक्षा स्थायी समिति के अध्यक्ष श्री शंकरलाल नारोलिया ने कहा कि हमे पूरे मनोयोग से देश एवं प्रदेश को साक्षर बनाने के लिये भागीरथी प्रयास करने होंगे। जिला परिषद सदस्य श्री गिरीराज जोशी ने भी साक्षरता की उपादेयता प्रतिपादित करते हुये कहा कि समाज का हर व्यक्ति साक्षर और शिक्षित होगा तभी हमारा राष्ट्र विकास के पथ पर तेजी से अग्रसर हो सकेगा। समारोह में साक्षरता के उत्कृष्ठ कार्य करने वाले 13 स्वयंसेवी शिक्षको को गृहमंत्री श्री कटारिया, जिला प्रमुख श्री मीना, शिक्षा स्थायी समिति के अध्यक्ष श्री नारोलिया ने माल्यार्पण कर प्रशस्ती पत्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया। समारोह में कला जत्थे के लोक कलाकारों द्वारा गीत एवं संगीत के माध्यम से साक्षरता का संदेश दिया गया। नवसाक्षर संतोष चौधरी व सीमा गौड़ ने भी ’मैं तो दौड़ी-दौड़ी पठबा नं जाऊं म्हारी माय’ं गीत के माध्यम से भी साक्षरता का संदेश दिया।
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