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पुर का स्कूल अब चपरासी के ही भरोसे

इधर, 12 शिक्षकों के पास कोई काम ही नहीं
एक तरफ कई स्कूलों में शिक्षकों की कमी है वहीं, 12 शिक्षक पदस्थापन के इंतजार में हैं। इनके पास एक सप्ताह से काम नहीं है। सेटअप परिवर्तन के तहत इन्हें प्रारंभिक से माध्यमिक शिक्षा में भेजा था। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने 8 जून को इनका दूरदराज के स्कूलों में पदस्थापन कर दिया।
तब सिविल सेवा अपील अधिकरण में इन्होंने अपील की। अपील के निर्णय में ट्रिब्युनल ने डीईओ (माध्यमिक) प्रथम के पदस्थापन आदेश बीईईओ के कार्यमुक्त करने के आदेश को दुर्भावनापूर्ण बताते हुए अपास्त कर दिया था। शिक्षकों ने निर्णय की कॉपी पेश कर दी लेकिन अब तक प्रारंभिक शिक्षा में भेजने के आदेश जारी नहीं किए गए।

भास्कर संवाददाता | भीलवाड़ा

उपनगरपुर का सरकारी उच्च प्राथमिक स्कूल बिश्नोई मोहल्ला अब केवल चपरासी के भरोसे रह गया है। स्कूल में कार्यरत एकमात्र शिक्षिका मेडिकल अवकाश पर चली गई है। शिक्षिका ने स्कूल में अस्थाई तौर पर शिक्षक लगाने के लिए विभाग को दो दिन पहले ही बता दिया था लेकिन अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया। नतीजतन, शुक्रवार को यहां के बच्चों की सारी जिम्मेदारी चपरासी पर गई। स्कूल में शिक्षक नहीं लगाने के विरोध में छात्रों ने हंगामा कर दिया। इनका कहना था कि सत्र के प्रारंभ से ही शिक्षकों की कमी रही है। इससे पढ़ाई ठप है। आठवीं के छात्रों ने बताया कि स्कूल खुले 2 महीने हो गए लेकिन हर विषय में 2-3 अध्याय ही पढ़ाए गए हैं। मिडिल बोर्ड होने से विद्यार्थियों को परीक्षा की चिंता रहती है। शिक्षकों की कमी से जूझने वाला उपनगर पुर मोहल्ले का स्कूल अकेला नहीं है। शहर में प्रारंभिक शिक्षा के अधीन ज्यादातर स्कूलों में ऐसे ही हालात हैं। मात्र एक या दो शिक्षकों के भरोसे आठों कक्षाएं हैं।

^व्यवस्थाके तौर पर स्कूल में एक शिक्षिका को लगा दिया गया है। शनिवार से स्कूल सुचारू रूप से संचालित होगा। अशोकपारीक, एडीईओ, प्रारंभिक, भीलवाड़ा

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