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आठवीं में डी ग्रेड के स्कूलों के लिए सरकार चलाएगी अलग कक्षाएं

भास्कर संवाददाता| बांसवाड़ा माध्यमिकशिक्षा विभाग के स्कूलों में 9वीं कक्षा में पढ़ने वाले वह विद्यार्थी,जिन्होंने आठवीं बोर्ड में डी ग्रेड हासिल की थी और इस ग्रेड के साथ ही उत्तीर्ण होकर 9वीं में आए,उनके लिए अब विभाग अन्य लेवल और बी के समान लाने के लिए एक्स्ट्रा क्लास चलाएगा।

इस अतिरिक्त कक्षा के माध्यम से इन विद्यार्थियों को कक्षा में कमजोर विद्यार्थी की श्रेणी से बाहर निकाल कर औसत या अच्छे विद्यार्थी की श्रेणी में लाने का प्रयास किया जाएगा। अब तक की रिपोर्ट के अनुसार आठवीं में अधिकांश विद्यार्थी गणित,विज्ञान और अंग्रेजी में ही कमजोर साबित हुए हैं। ऐसा माना जाता है कि इन तीनों विषयों की वजह से ही डी ग्रेड से उत्तीर्ण हुए हैं।
इस कारण इन्हीं तीन विषयों पर ज्यादा जोर दिया जाना है। हालांकि इन तीन विषयों में से किन्हीं दो विषय की ही अतिरिक्त कक्षाएं चलाई जाएगी। विषय का चयन विद्यार्थी तय करेंगे। स्कूल टाइम से पहले या बाद में अतिरिक्त कक्षाओं का समय स्कूल समय से पहले या बाद में होगा। हालांकि इसके लिए निर्धारित 55 मिनट तय है। यदि बच्चों की सुविधा सुबह की हो तो स्कूल समय प्रारंभ होने से पहले कक्षाएं लगाई जा सकती है। यदि समय बाद का हो तो स्कूल में अन्य विद्यार्थियों का अवकाश होने के बाद यह कक्षाएं चलाई जा सकती है। लेकिन यह तय है कि 55 मिनट की इस कक्षा में स्कूल में होने वाली नियमित पढ़ाई के अतिरिक्त पढ़ाई होगी,जो एक तरह से कोचिंग के अनुसार ही पाठ्यक्रम कक्षा का तय किया जाएगा। सात दिन में बच्चों का टेस्ट लेना जरूरी है।
500रुपए प्रति विद्यार्थी तय:अतिरिक्तकक्षाओं के लिए प्रत्येक विद्यार्थी के लिए 500 रुपए का बजट तय किया गया है। प्रत्येक विषय में 250 रुपए निर्धारित है। इनमें 225 रुपए दो माह के लिए प्रति स्टूडेंट्स शिक्षक मानदेय तथा शेष 25 रुपए संबंधित छात्र की शिक्षण सामग्री पर खर्च किए जाएंगे। इन कक्षाओं का संचालन इसी माह से होगा। कार्यक्रम अधिकारी रमसा कौशल पंड्या ने बताया कि सभी स्कूलों से बच्चों की संख्या की जानकारी मांगी है। साथ ही यह निर्देश दिए गए है कि जिनकी भी डी ग्रेड है,वह इस योजना में शामिल किए जाए।
भास्करखास-5 साल पुरानी योजना को नए रूप में फिर जारी:अतिरिक्तकक्षाओं के माध्यम से विद्यार्थियों को पढ़ाने की यह योजना काफी पुरानी है। करीब 5 साल पहले कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में सर्व शिक्षा अभियान के माध्यम से इसे उपचारात्मक शिक्षण विधि के नाम से संचालित की थी।
इसमें सभी कमजोर बच्चों को एक माह तक एक्स्ट्रा पढ़ाने पर शिक्षक को 1200 रुपए अतिरिक्त दिए जाते थे,लेकिन भाजपा सरकार ने आते ही इसे बंद कर दिया था। फिर से राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के माध्यम से आठवीं कक्षा में डी ग्रेड वाले बच्चों के लिए बंद की योजना को नए रूप में प्रारंभ की है।
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