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शिक्षक काउंसलिंग : क्या से क्या हो गया, रो पड़ी शिक्षिकाएं

सर मैं महिला हूं, जंगल के बीच बसे गांव में कैसे पढ़ाने जाऊंगी
कोटा. घर के आंगन में उछल-कूद मचाने वाले बच्चे जब पहली बार स्कूल की दहलीज चढ़ते हैं तो फूट-फूट कर रोते हैं। बच्चों के जैसे हालात ही सोमवार को मल्टीपरपज स्कूल में शिक्षकों की नियुक्ति काउंसलिंग के दौरान अध्यापिकाओं के देखे गए।

यहां मनपसंद स्कूल में नियुक्ति नहीं मिलने पर कई शिक्षिकाएं काउंसलिंग के दौरान ही रो पड़ी। शिक्षिकाओं ने काउंसलिंग कमेटी को कई बार अनुनय-विनय किया, लेकिन काउंसलिंग कमेटी ने स्पष्ट जवाब दिया कि नौकरी करनी है तो नियुक्ति लेनी ही पड़ेगी।


सर मैं महिला हूं, जंगल के बीच बसे गांव में कैसे पढ़ाने जाऊंगी
रेणु रानीवाला को खैराबाद ब्लॉक की सलहावदा खुर्द ग्राम पंचायत के झीरी गांव के स्कूल में लगा दिया, जो झालावाड़ रोड से करीब 15 किलोमीटर अंदर जंगलों, खदान क्षेत्र में है। नियुक्ति पत्र थमाते ही वह फूट-फूट कर रोने लगी। बोली सर, मैं महिला हूं, जंगल में स्थित गांव में अकेली कैसे स्कूल जाउंगी।


खाली पद पर नियुक्ति दो
शिक्षिका प्रीति जैन की काउंसलिंग कमेटी से इस बात को लेकर बहस हुई कि जिस स्कूल में जगह खाली है। वहां नियुक्ति क्यों नहीं दी जा रही।

इस बात को लेकर शिक्षिका ने हंगामा कर दिया। प्रीति ने बताया कि खैराबाद ब्लॉक के रामगंजमंडी कस्बे के महावीर नगर स्कूल में जगह खाली है। आवेदन करने के बाद भी उन्हें नियुक्ति नहीं दी जा रही।


उच्च अधिकारियों के आदेश है कि नगर निगम व नगरपालिका क्षेत्र के स्कूलों में किसी को नियुक्ति नहीं दी जाए। इन क्षेत्रों को छोड़ कर ब्लॉक के अन्य विद्यालयों में नियुक्तियां दी जा रही है।
किशन देवतवाल, जिला शिक्षा अधिकारी
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