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शिक्षकों को नहीं मिल पाएंगे पसंद के स्कूल

अजमेर/ सैकंडरी से एलीमेंट्री को सौंपे गए तथा नए स्टाफिंग पैटर्न से एलीमेंट्री में सरप्लस लेवल एक और लेवल दो के अध्यापकों की 8 जुलाई को होने वाली काउंसलिंग में शहर और सुविधाजनक स्कूलों में लगने के शिक्षकों के सपने काफूर हो गए हैं।
पहले सैकंडरी सेटअप में हुई काउंसलिंग से दिव्यांग, रोगी, विधवा-परित्यक्ता, महिलाओं को शहर और सुविधाजनक स्कूलों में पोस्टिंग मिली थी, लेकिन एलीमेंट्री की इस काउंसलिंग के निर्देश के तहत इन शिक्षकों को अपनी पसंद के स्कूल नहीं मिल पाएंगे। इस काउंसलिंग से अनेक विसंगतियां उत्पन्न होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।
सेटअप परिवर्तन की परिवेदना राज्य स्तर पर स्वीकार कर अनेक शिक्षकों को एलीमेंट्री में ही रखने के निर्देश दिए गए हैं। ये सैकंडरी स्कूलों से सरप्लस होकर नहीं आए और ही ये एलीमेंट्री में नए स्टाफिंग पैटर्न से सरप्लस हुए हैं। इन्हें एलीमेंट्री में पोस्टिंग नहीं देकर काउंसलिंग में शामिल किया जा रहा है। नई काउंसलिंग प्रक्रिया से जिले के सीनियर शिक्षक के लिए एक ग्राम पंचायत में ही रहने की बाध्यता होगी। एक ग्राम पंचायत के पूरे पद भरने पर जिले का जूनियर शिक्षक इसी पंचायत समिति की दूसरी ग्राम पंचायत में जाएगा। उसे शहर के पास वाली ग्राम पंचायत भी मिल सकती है। जिलों में शहरों से सुदूर पंचायत समितियों में लगे शिक्षक उसी पंचायत समिति में रहने को बाध्य हो गए हैं। ग्राम पंचायत स्तर पर पोस्टिंग के निर्णय से प्रबोधकों को सर्वाधिक निराशा हुई है। प्रबोधक पैराटीचर के रूप में सुदूर गांवों में नियुक्त हुए थे। ये आज भी वहीं कार्यरत हैं। इस काउंसलिंग से इन्हें पंचायत समिति बदलने का अवसर भी नहीं मिलेगा। एलीमेंट्री में नया स्टाफिंग पैटर्न लागू होने के बाद सीनियर सैकंडरी स्कूलों में प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों को मर्ज किया गया है। सैकंडरी स्कूलों के सभी पद सेटअप परिवर्तन कर भरे गए हैं। फिर भी इन नए मर्ज स्कूलों के एलीमेंट्री शिक्षकों को काउंसलिंग में शामिल ही नहीं किया गया है। माना जा रहा है कि शिक्षा विभाग में 16 फरवरी 2016 काे उर्दू गृह विज्ञान सीधी भर्ती वाले व्याख्याता को पोस्टिंग देने के लिए शुरू हुई काउंसलिंग के बाद पदोन्नत प्रधानाचार्य, व्याख्याता, एचएम, सैकंड ग्रेड टीचर और एलीमेंट्री से सैकंडरी में सेटअप परिवर्तन की काउंसलिंग में धीरे-धीरे सुधार हुआ है। राज्य के शिक्षकों द्वारा काउंसलिंग का दिल खोलकर स्वागत किया गया है। लेकिन शहरों सुविधाजनक स्थानों पर पद रिक्त होने पर भी एलीमेंट्री की इस नई ग्राम पंचायत तक सीमित काउंसलिंग प्रक्रिया से शिक्षक वर्ग आहत होगा।

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