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प्रारंभिक शिक्षा में संस्कृत शिक्षक का पद ही नहीं, फिर भी काउंसलिंग के लिए बुलाया

झालावाड़ प्रारंभिकशिक्षा में संस्कृत शिक्षकों के पद नहीं हंै। इसके बावजूद संस्कृत शिक्षकों को काउंसलिंग के लिए बुला लिया गया। जब मंगलवार को संस्कृत के शिक्षक जिला परिषद काउंसलिंग में पहुंचे तो उन्हें आठ घंटे बैठाकर रखा गया। उसके बाद भी काउंसलिंग नहीं करके अगले दिन काउंसलिंग में आने को कहा गया। इस पर संस्कृत के शिक्षकों ने जिला परिषद परिसर में विरोध जताया।

उन्होंने जिला परिषद सीईओ को भी लिखित में दिया। जिला परिषद में काउंसलिंग का मंगलवार को आखिरी दिन था। प्रारंभिक शिक्षा में संस्कृत के पद नहीं होते हुए भी संस्कृत शिक्षकों को काउंसलिंग में बुलाया गया। ऐसे में संस्कृत शिक्षक जब काउंसलिंग में पहुंचे तो उनकी काउंसलिंग भी नहीं की गई। शिक्षक हेमंत चौरसिया, सही राम गुर्जर, रामचरण, ज्योति,पूर्णिमा सेन, रामलाल, मुकेश कुमार मीणा सहित अन्य ने कहा कि जब संस्कृत शिक्षक के पद ही नहीं थे तो काउंसलिंग में क्यों बुलाया गया। प्रथम लेवल में ही लेना था तो पहले दिन जब शिक्षक प्रथम लेवल की काउंसलिंग हुई थी। उस समय मौका क्यों नहीं दिया गया। उस समय मौका देना चाहिए था। संस्कृत शिक्षकों ने बताया कि अब जब काउंसलिंग के लिए बुलाया है तो शिक्षा विभाग को पूरी काउंसलिंग करनी होगी। नहीं तो यहीं पर धरना देने बैठेंगे। दरअसल सरकार के निर्देश अंतिम समय में आए जिसमें बताया गया कि सैकंड लेवल में जिन शिक्षकों के पद नहीं है उनको प्रथम लेवल में स्थान दिया जाए। इसी के तहत यह बदलाव हुआ है।
अब जाना होगा दूर के गांव पढ़ाने
संस्कृतशिक्षकों ने बताया कि प्रथम लेवल की काउंसलिंग पूरी हो चुकी है। ऐसे में उन शिक्षकों को उनकी मनपसंद के और उसी ग्राम पंचायतों के स्कूलों में पोस्टिंग मिल चुकी है। संस्कृत शिक्षकों को अंतिम समय में प्रथम लेवल में शामिल किया जा रहा है। इनकी काउंसलिंग भी आखिरी दिन होगी। इसके चलते अब दूर दराज के गांवों में महिला शिक्षिकाओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जिले में दूर-दराज के क्षेत्रों में जहां बसें भी नहीं जाती हैं। ऐसे में महिला शिक्षक ऐसे स्कूलों में कैसे जा पाएंगी।
50शिक्षकों को आज अंतिम मौका
काउंसलिंगके दौरान प्रारंभिक शिक्षक विभाग को 50 से अधिक शिक्षक ऐसे मिले जिन्होंने निर्धारित स्थानों पर जाने के लिए असहमति जता दी। अब उनको अनुपस्थित मानते हुए 13 जुलाई को काउंसलिंग में एक बार फिर अवसर दिया जाएगा। यदि फिर भी यह अनुपस्थित रहते हैं तो उन्हें जहां भी रिक्त पद होंगे वहां पर नियमानुसार पदस्थापित कर दिया जाएगा। फिर उन स्थानों पर ज्वॉइन नहीं करने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई होगी।
^संस्कृत शिक्षकों के जिले में पद नहीं हैं। ऐसे में इनको प्रथम लेवल मानते हुए काउंसलिंग होगी। जैसे सरकार के निर्देश हैं वैसे ही काउंसलिंग तय मापदंड और पारदर्शिता के साथ चल रही है। लक्ष्मणमालावत, डीईओप्रारंभिक
^जिन शिक्षकों ने ज्वॉइन नहीं किया है उनको नोटिस दिए गए हैं। काउंसलिंग के दौरान ही शिक्षकों से भी राय ली गई थी। इसमें 90 फीसदी शिक्षकों ने इस प्रक्रिया को अच्छा बताया। ओमचौधरी, एडीईओ माध्यमिक
झालावाड़. जिला परिषद में काउंसलिंग का विरोध करते संस्कृत शिक्षक।
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