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हिंदी या तृतीय भाषा में से एक का ही रहेगा शिक्षक

भास्कर संवाददाता| डूंगरपुर राजकीय उच्च प्राथमिक स्कूलों में हिन्दी तृतीय भाषा विषय का अब एक ही शिक्षक होगा। हिन्दी का शिक्षक है तो तीसरी भाषा का शिक्षक नहीं लगाया जाएगा और तीसरी भाषा का शिक्षक है तो हिन्दी का विषय नहीं लगाया जाएगा।

शिक्षा विभाग की इस नई कवायद से सभी शिक्षक संघ भी नाराज है। शिक्षक संघों के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि इसकी आड़ में राज्य सरकार बड़े स्तर पर पद समाप्त करना चाहती है। अगर यह नियम प्रभावी हो गया तो संस्कृत,पंजाबी उर्दू विषय पर इसका बहुत प्रभाव पड़ेगा। शिक्षा निदेशालय से जारी आदेश पर तीसरे विषय के अध्यापक के लिए जी का जंजाल बन जाएगा।
शिक्षा विभाग ने अधिकारियों ने बताया कि राजस्थान के अलग अलग भागों में तीसरी भाषा के रुप में अलग अलग विषय का अध्ययन कराया जाता है। तीसरे विषय के रुप में संस्कृत,उर्दू पंजाबी को महत्व दिया जाता है।
उत्तरी पूर्वी राजस्थान में तीसरी भाषा पंजाबी को महत्व दिया जाता है वहीं शेष राजस्थान में संस्कृत उर्दू का अध्ययन कराया जाता है। पंजाबी पढ़ाने वाला संस्कृत और संस्कृत पढ़ाने वाला पंजाबी या उर्दू कैसे पढ़ाएगा।

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