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स्कूल तो खुल जाएंगे, भर्तियां कब खुलेंगी? , तृतीय श्रेणी को लेकर इंतजार

आनंद आचार्य@बाड़मेर. राज्य सरकार की ओर से शिक्षक भर्ती को लेकर इंतजार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। 2013 की भर्तियों में आवेदन करने वालों की नियुक्ति के बाद वंचित रहे और इन तीन सालों में बीएड व एसटीसी कर चुके हजारों युवा बेरोजगारी का दंश भोग रहे हैं।

राज्य के सरकारी विद्यालयों में वर्ष 2007 से संविदा पर कार्यरत विद्यार्थी मित्रों को 30 अप्रेल 2014 को राज्य सरकार ने विद्यालयों से हटा दिया। इसके बाद से आज तक राज्य के 24163 विद्यार्थी मित्र रोजगार की मांग को लेकर आए दिन ज्ञापन धरना प्रदर्शन के माध्यम से सरकार से रोजगार की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने आश्वासन ही दिया है। इसके चलते राज्य भर के विद्यार्थी मित्र शिक्षकों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। विधानसभा में रोजगार का मुद्दा उठाया लेकिन सरकार की ओर से जवाब में कहा गया इनका कार्य चल रहा है। जल्द ही इनको रोजगार उपलब्ध करवा दिया जाएगा।
तृतीय श्रेणी को लेकर इंतजार
पिछली सरकार में रीट की परीक्षा होने के बाद एक भर्ती प्रक्रिया हुई थी। इसमें सरकार ने करीब बीस हजार को राज्य में नियुक्ति दी लेकिन इसके बाद रीट की परीक्षा को लेकर लंबा इंतजार करना पड़ा। हाल ही में रीट परीक्षा का परिणाम आया है। लाखों बेरोजगार रीट की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बावजूद भी अब इस इंतजार में है कि कब उनको तृतीय श्रेणी शिक्षक लगाया जाएगा।
फिर कब होगी रीट की परीक्षा
अब रीट देने के लिए बीएड व एसटीसी किए हुए कई युवा तैयार हो गए हैं। इन लोगों की रीट की परीक्षा कब होगी इसको लेकर असमंजस है। सरकार ने यह रीट की परीक्षा भी तीन साल में पूरी की है। एेसे में इन बेरोजगारों के लिए रीट और इसके बाद भर्ती प्रक्रिया कब होगी। यह बड़ा प्रश्न है।
क्या होगा शिक्षा सहायक बनने का
करीब एक साल पहले पैराटीचर्स, शिक्षाकर्मी, विद्यार्थी मित्र, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और शिक्षण का अनुभव रखने वाले हजारों युवाओं ने शिक्षाकर्मी के लिए आवेदन किए थे। ऑनलाइन और ऑफलाइन लिए गए इन आवेदन में उन्होंने अनुभव प्रमाण पत्र सहित कई कागजात प्रस्तुत किए। बेरोजगारों ने इस पर हजारों रुपए खर्च किए लेकिन शिक्षा सहायकों की नियुक्ति का मामला अटका हुआ है।
दो वर्षों से बेराजगार
राज्य के 24163 विद्यार्थी मित्र दो वर्षों से बेराजगार है। आर्थिक संकट के चलते हालत खराब हो गई है।
चंदनसिंह राजपुरोहित, संभाग प्रवक्ता, विद्यार्थी मित्र शिक्षक संघ
कई लोगों ने की आत्महत्या
बेराजगारी से तंग आकर राज्य के 13 विद्यार्थी मित्र आत्महत्या कर चुके हैं। सरकार ने नियमित करने की बात कही थी, लेकिन रोजगार तक नही दिया। हम मांगों को लेकर 5 जून के बाद राज्य स्तरीय आंदोलन करेंगे।
सांवलसिंह राठौड़, प्रदेश उपाध्यक्ष, विद्यार्थी मित्र शिक्षक संघ
बेरोजगार हो रहे हैं परेशान
बेरोजगार शिक्षकों की संख्या बढ़ती जा रही है। इससे युवा परेशान हो गए हैें। इसको लेकर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। शिक्षा सहायक, तृतीय श्रेणी, द्वितीय श्रेणी और प्रथम श्रेणी शिक्षकों की भर्ती का कलेण्डर बनाया जाए और इनकी नियुक्तियां हर साल रिक्त पदों के अनुपात में होनी चाहिए। हर साल जुलाई में यह भर्ती पूर्ण हो जाए तो शिक्षण के स्तर में सुधार आएगा।- शेरसिंह भुरटिया, जिलाध्यक्ष, प्राथमिक माध्यमिक शिक्षक संघ
मुद्दा उठाया था
विधानसभा में विद्यार्थी मित्रों के रोजगार को लेकर मुद्दा उठाया था। सरकार ने विद्यार्थी मित्रों के साथ धोखा किया है। झूठे आश्वासन दिए हैं। आश्वासन से काम नही चलता, सरकार इनको शीघ्र रोजगार देने की व्यवस्था करवाए।
मेवाराम जैन, विधायक बाड़मेर
यूं समझें भर्तियों का हश्र
- वर्ष 2013 की तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को मार्च 2015 में पूरा किया (करीब 20 हजार को नियुक्ति)
- वर्ष 2013 की प्रथम श्रेणी व्याख्याताओं की भर्ती को जुलाई 2015 में पूरा किया (करीब 4400 नियुक्ति )
- वर्ष 2013 की द्वितीय श्रेणी शिक्षकों की भर्ती दिसंबर 2014 में पूर्ण ( करीब 9000 को नियुक्ति )
- रीट के जरिए 15000 शिक्षकों की भर्ती अभी अटकी हुई है।
- व्याख्याताओं के 13000 पदों के लिए तीसरी बार परीक्षाएं स्थगित

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