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अमृतम जलम् : श्रमदान से निखर कर आया ऐतिहासिक हाथी कुण्ड

अलवर. सागर, व्यापक अर्थ में...विशाल, ...सबकी प्यास बुझाने वाला, ...वातावरण को शीतल रखने वाला, ...अथाह गहराई..। ये कुछ उदाहरण मात्र हैं, जो साहित्यिक रूप से सागर और इनसान को जोड़ते हैं। साहित्यिक स्रोतों के अनुसार अलवर वासियों को भी सागर से जोडऩे का प्रयास 8वीं, 9वीं शताब्दी में किया गया था। तब हमारा सागर कच्चा था।

1813 में महाराजा बख्तावर सिंह ने मरम्मत करा इसे नया स्वरूप प्रदान किया। इसके आस-पास भव्य ऐतिहासिक इमारतें हमारे वीरतापूर्ण इतिहास को सरसता और सलिलता से परिपूर्ण भी करती हैं। सागर में पानी की आवक बरसात में पहाड़ों से आने वाले पानी से होती है।
यह पानी किशनकुंड होते हुए या फिर सीधे तौर पर सागर में आता है। वाया किशनकुंड एक नहर और हाथी कुंड सागर में जल आवक के स्रोत हैं। यदि ये स्रोत ही साफ नहीं हैं तो सागर का जल निर्मल और स्वच्छ कैसे रह सकता है।

वर्तमान में स्थिति यह है कि हाथी कुंड में मिट्टी भरी है और नहर में कचरा। प्लास्टिक के दोने, गिलास, पत्तलें, बोतलें नहर में पड़ी हुई हैं। नहर के किनारे स्थित हनुमानजी के मंदिर के पास जो दीवार बनाई गई थी वह गिर चुकी है। उसका मलबा भी नहर में ही पड़ा है।
राजस्थान पत्रिका के अमृतम जलम् अभियान के तहत 30 अप्रेल  और 1 मई को श्रमदान सुबह साढ़े पांच बजे से प्रारम्भ हुआ। जिसमें जिले के विभिन्न समाजसेवी संगठन, स्वयं सेवी संस्थाओं, जन प्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियोंं सहित सामान्य जनों ने भाग लिया।

इन संस्थाओं का रहा सहयोग
राजस्थान पत्रिका के अमृतल जलम् अभियान में बहुत सी संस्थाओं के पदाधिकारी और सदस्य भाग लेंगे जिसमें आईईटी ग्रुप का सहयोग रहेगा।  इस अभियान में अलवर जिला सैनी महासभा, हैल्पिंग हैंड, राजस्थान राज्य भारत स्काउट व गाइड के स्वयं सेवक,  आईईटी ग्रुप, एलआईईटी, एमआईटीआरसी और एनआईईटी,  कम्पनी बाग विकास समिति, तेजस्वी इंस्टीटयूट, शिव शक्ति सेवा समिति, सहयोग संस्थान, परशुराम परिवार, संत निरंकारी मंडल, तौलानी जन कल्याण समिति, जोश ग्रुप, मत्स्य विश्वविद्यालय संघर्ष समिति, भारतीय वाल्मीकि धर्म समाज के सदस्यों ने श्रमदान किया।

इसके अलावा युवा सेना, जन हित सेवा संस्थान, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, राजस्थान विद्यार्थी परिषद, फार्मासिस्ट जागृति संस्थान, दैनिक रेल यात्री संघ, राष्ट्रीय सिंधी समाज, महावीर इंटरनेशनल, झूलेलाल पंचायत ट्रस्ट, ऑल इंडिया सिंधू  वैलफेयर सोसायटी,  सर्व समाज महासंघ, राजस्थान शिक्षक संघ पंचायती राज, लाफ्टर क्लब, रेशम देवी नानक चंद मित्तल फाउंडेशन, जन कल्याण विकास संस्थान, पहल संस्थान,  जल आंदोलन, शराब बंदी आंदोलन से जुड़ी गुलाबी गैंग की महिला सदस्यों ने भी इस अभियान में भाग लिया।

वहीं खेल संघों के सदस्य व पदाधिकारी,  शहर के पार्षद, जन प्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी सहित विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारियो ने भाग लिया। इसमें भाग लेने के लिए अधिकांश शहरवासी समाचार पढ़कर भी सभी मौके पर पहुंच गए।
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बरसात से पहले यदि हम हाथी कुंड और इस नहर की सफाई कर कुछ पुण्य कमा सकें तो इससे बेहतर मौका दूसरा नहीं मिलेगा। अमृतम जलम् अभियान एक मई को भी सुबह 5.30 बजे फिर शुरू होगा। इस काम से जुडऩे के लिए आप मोबाइल नम्बर 90018-96531 पर सम्पर्क कर सकते हैं। इस दिन आप स्वयं अपने साथियों और परिवार के सहित आए जो अलग तरह का अनुभव होगा।
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