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बोर्ड रीट अभ्यर्थियों से लिखवा रहा है ‘फीस वापस नहीं मांगोगे'


अजमेर. राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड रीट परीक्षा का शुल्क वापस नहीं लौटाएगा। रीट में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों से बोर्ड शपथ-पत्र ले रहा है कि किसी भी स्थिति में रीट परीक्षा का शुल्क वापस नहीं मांगेगा। यही नहीं, बोर्ड ने घोषित भी कर दिया है कि समस्त न्यायिक विवादों का कार्यक्षेत्र अजमेर ही होगा। कानूनविद यह मानते हैं कि किसी भी तरह का न्यायिक वाद दायर करने के लिए अब अभ्यर्थियों को अजमेर ही आना होगा। इसके अलावा बोर्ड द्वारा एक और शपथ पत्र लिया जा रहा है, जिसमें एनसीटीई द्वारा जारी मापदंड और परीक्षार्थी पूर्व में आयोजित टेट/आरटेट आदि परीक्षाओं से वंचित नहीं किया गया है।
इस आवेदन पत्र के साथ ही अभ्यर्थियों से दो अलग-अलग शपथ पत्र भी भराए जा रहे हैं। पहला शपथ पत्र ही अभ्यर्थियों को झटका देने वाला है। इस शपथ पत्र में अन्य बातों के साथ ही अभ्यर्थी से यह लिखाया जा रहा है कि- “मैं किसी भी स्थिति में जमा शुल्क लौटाने के लिए नहीं कहूंगा/कहूंगी।’ इसी शपथ पत्र में अभ्यर्थियों को यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि किसी विधिक वाद की स्थिति में न्यायिक क्षेत्र अजमेर होगा।
आरटेट मेंं उलझे थे कानूनी विवादों में, फीस भी लौटाने लगा
बोर्ड को आरटेट 2013 के संबंध में पूर्व में विभिन्न कानूनी विवादों का सामना करना पड़ा था। संभवतया इसे ही ध्यान में रखकर बोर्ड ने इस बार यह एहतियाती कदम उठाया। आरटेट 2013 नहीं हो सकी थी और अब भाजपा सरकार ने इसे रीट का नाम देकर नए सिरे से आयोजन कराने का निर्णय लिया है। बोर्ड द्वारा आयोजित की जाने वाली रीट 2015 में अनेक अभ्यर्थी आरटेट 2013 के आवेदन करने वाले भी बैठ रहे हैं।
लेकिन कई ऐसे अभ्यर्थी भी हैं, जिन्होंने आरटेट 2013 के लिए आवेदन किए थे, लेकिन वे रीट में नहीं बैठना चाहते। बोर्ड स्पष्ट कर चुका है कि यदि ऐसे अभ्यर्थी आरटेट का शुल्क वापस लेना चाहेंगे, तो बोर्ड उन्हें शुल्क वापस लौटाएगा। लेकिन भविष्य मेंं रीट 2015 किसी कानूनी विवाद अथवा किसी और अन्य कारणों से नहीं हो पाती है, तो ऐसे में बोर्ड अभ्यर्थी को शुल्क नहीं लौटाएगा। यह बात बोर्ड पहले ही तय कर रहा है।
2 लाख आवेदन करेंगे, तो जमा होंगे 8 करोड़ रुपए
रीट के लिए बोर्ड ने दो अलग-अलग शुल्क तय किए हैं। स्तर प्रथम अथवा स्तर द्वितीय (केवल एक परीक्षा) के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थी से 400 रुपए शुल्क वसूल रहा है। यदि अभ्यर्थी स्तर प्रथम एवं स्तर द्वितीय (दोनों परीक्षाओं) के लिए आवेदन करेगा, तो उसे 600 रुपए शुल्क देना होगा। यदि रीट 2015 के लिए 2 लाख अभ्यर्थी भी आवेदन करते हैं और प्रत्येक अभ्यर्थी से बोर्ड केवल 400 रुपए ही शुल्क जमा करता है, तो बोर्ड के पास 8 करोड़ रुपए जमा होंगे। इस राशि को अभ्यर्थी किसी भी कीमत पर वापस नहीं ले सकेंगे। यदि आवेदन अधिक आते हैं तो यह राशि और भी अधिक हो सकती है।

आरपीएससी ने परीक्षा लेने के बाद भी लौटाई है फीस
एक तरफ बोर्ड अभ्यर्थियों से फीस वापस नहीं मांगने के लिए शपथ पत्र भरवा रहा है, वहीं राजस्थान लोक सेवा आयोग ने परीक्षा लेने के बाद भी अभ्यर्थियों का शुल्क वापस लौटाया है।
आयोग सचिव नरेश कुमार ठकराल के मुताबिक आयोग द्वारा 9 सितंबर 2011 को विज्ञापन जारी कर सहायक निदेशक आयुर्वेद, जिला आयुर्वेद अधिकारी और प्रभारी अधिकारी फार्मेसी के 24 पदों के लिए आवेदन मांगे गए थे। आयुर्वेद एवं भारतीय चिकित्सा विभाग के 20 अक्टूबर 2015 के पत्र के अनुसरण में आयोग ने इन पदों के लिए जारी विज्ञापन को प्रत्याहारित कर लिया है। साथ ही इन पदों के लिए 28 अगस्त 2012 को आयोजित संवीक्षा परीक्षा काे भी निरस्त कर दिया है। इन पदों के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों का शुल्क लौटाया जा रहा है।
कानूनी विवादों के संबंध में स्पष्टीकरण
> सभी विवादों के लिए न्यायिक कार्य क्षेत्र केवल अजमेर होगा।
> राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा की अधिकारिता केवल समन्वयक, राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा, राजीव गांधी विद्या भवन, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड कॉलोनी, सिविल लाइंस अजमेर - 305001 (राज.) की है।
> अभ्यर्थी को अपने आवेदन पत्र के साथ निर्धारित प्रारूप में घोषणा एवं शपथ पत्र भरना होगा।
यदि कोई अभ्यर्थी आरटेट 2013 का परीक्षा शुल्क वापस चाहता है, उसे बोर्ड यह शुल्क लौटाएगा। रीट में बोर्ड आवेदन के साथ दो शपथ पत्र भी ले रहा है। यह शपथ पत्र अभ्यर्थियों को भरना जरूरी है।’ - प्रो. बीएल चौधरी, अध्यक्ष, राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, अजमेर

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