इस कारण स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हुई। पिछली दो 6डी की काउंसलिंग और अब 3बी काउंसलिंग से यह खुलकर सामने आया कि प्रारंभिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग में सामंजस्य की कमी है। जिस कारण शिक्षक, विद्यार्थी दोनों प्रभावित हो रहे हैं। जिले में क्रमोन्नत स्कूलों की संख्या 32 है। जिनमें प्रारंभिक शिक्षा के 172 शिक्षक कार्यरत है। माध्यमिक शिक्षा की ओर से इनमें 56 शिक्षकों का स्कूलों में रिक्त पदों के अनुसार समायोजन कर 116 अधिशेष शिक्षकों की सूची काउंसलिंग के लिए भेजी। लेकिन भेजी गई सूची में से डीईओ प्रारंभिक ने लेने से इनकार कर दिया और उनमें महज 43 को काउंसलिंग के लिए आमंत्रित किया। इसे लेकर शिक्षक संगठनों ने विरोध जताया। पदाधिकारियों और डीईओ के बीच बहस भी होती रही। फिर भी अंत में 53 शिक्षकों, प्रबोधक और शिक्षाकर्मियों की काउंसलिंग कराई गई।
समायोजन के बिना ही माध्यमिक सेटअप से शिक्षकों के नाम हटाए प्रारंभिक ने पहले मना किया फिर 116 में से सिर्फ 53 शिक्षक लिए
सूची में कई स्कूलों के शिक्षकों के नाम जोड़े ही नहीं
राजस्थान शिक्षक संघ प्रगतिशील ने सोमवार को की गई 3बी काउंसलिंग को निरस्त करने की मांग की। इसमें बताया कि माध्यमिक द्वारा प्रारंभिक को दी गई सूची में रामावि डोरियारेल, जोगड़ीमाल, भंवरकड़ा सहित कई स्कूलों के शिक्षकों के नाम शामिल ही नहीं किए गए हैं। संगठन का कहना है कि दोनों ही शिक्षा अधिकारियों में सामन्जस्य की कमी के कारण शिक्षकों के नाम छुट रहे हैं। इनका कहना कि विभागों की खामियों के कारण काउंसलिंग के एक दिन पहले ही शिक्षकों और रिक्तपदों की सूची प्राप्त होती है। जिससे शिक्षकों को परेशानी होती है। इस अवसर पर जिलामंत्री रमेश गुदराशिया, रमेश चंद्र मईड़ा, बहादुरसिंह चरपोटा, कुबेर बारोड, शंकरलाल मईड़ा आदि मौजूद थे।
काउंसलिंग से पहले सूची स्कूल का नाम देखते शिक्षक।
राजस्थान शिक्षक संघ प्रगतिशील ने सोमवार को की गई 3बी काउंसलिंग को निरस्त करने की मांग की। इसमें बताया कि माध्यमिक द्वारा प्रारंभिक को दी गई सूची में रामावि डोरियारेल, जोगड़ीमाल, भंवरकड़ा सहित कई स्कूलों के शिक्षकों के नाम शामिल ही नहीं किए गए हैं। संगठन का कहना है कि दोनों ही शिक्षा अधिकारियों में सामन्जस्य की कमी के कारण शिक्षकों के नाम छुट रहे हैं। इनका कहना कि विभागों की खामियों के कारण काउंसलिंग के एक दिन पहले ही शिक्षकों और रिक्तपदों की सूची प्राप्त होती है। जिससे शिक्षकों को परेशानी होती है। इस अवसर पर जिलामंत्री रमेश गुदराशिया, रमेश चंद्र मईड़ा, बहादुरसिंह चरपोटा, कुबेर बारोड, शंकरलाल मईड़ा आदि मौजूद थे।
एक-दूसरे पर गलतियों के लगाए आरोप
माशि विभाग ने सूची गलत बनाई
माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से सूची गलत बनाई गई है। उनके द्वारा समायोजन के आदेश निकाले बिना ही 56 शिक्षकों का समायोजन करना बताया गया है। ऐसे में हम अधिशेष शिक्षकों की काउंसलिंग करते हैं तो यह गलत है। उनके द्वारा सूची पर लिखा जाता है कि अधिशेष शिक्षकों के पद रिक्त नहीं है तो ही इन्हें शामिल किया जाएगा। प्रेमजी पाटीदार, डीईओ प्रारंभिक
शिक्षकों को बना दिया फुटबॉल : शिक्षक संघ
राष्ट्रीय शिक्षक संघ प्रदेश सचिव गमीरचंद पाटीदार ने बताया कि दोनों विभागों ने शिक्षकों को फुटबॉल बना दिया है। काउंसलिंग से जाहिर भी होता है। दोनों की ओर से खामियां बरती गई। क्रमोन्नत स्कूलों के शिक्षकों के समायोजन के आदेश दिए बिना माध्यमिक ने नाम हटा दिए तो यह उनकी गलती है और माध्यमिक द्वारा दी गई सूची में भी आधे शिक्षकों का समायोजन करना प्रारंभिक शिक्षा की गलती है।
6डी से माध्यमिक में लेलेंगे
क्रमोन्नत स्कूलों में मार्च 2015 तक 6डी में शामिल शिक्षकों को छोड़ शेष की सूची प्रावि में भेजी गई है। माध्यमिक में 56 शिक्षकों का रिक्त पदों पर नियमानुसार समायोजन कर दिया गया है। अगर इसमें किसी तरह की परेशानी आती हैं तो हम 6डी के माध्यम से माध्यमिक में ले लेंगे। राजेंद्र प्रसाद द्विवेदी, डीईओ माध्यमिक
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