प्रारंभिकशिक्षा निदेशालय की ओर से की जा रही राजस्थान प्राथमिक और उच्च
प्राथमिक विद्यालय अध्यापक सीधी भर्ती-2016 (संशोधित) में अचानक तकनीकी
खामी दूर हो गई।
राज्य सरकार की ओर से मोर बैकवर्ड क्लास (एमबीसी) का आरक्षण का कोटा तय होते ही यह खामी दूर हो गई। अब निदेशालय ने 1 जनवरी तक एमबीसी कोटे में आने वाले अभ्यर्थियों से आवेदन मांगे हैं।
अध्यापक लेवल द्वितीय (कक्षा 6 से 8) नॉन टीएसपी एरिया के लिए हो रही इस भर्ती के लिए अब तक 5 बार आवेदन की तिथि बढ़ाई जा चुकी थी। दैनिक भास्कर ने इस मामले पर खबर प्रकाशित कर कहा था कि सरकार इस भर्ती से ही गुर्जरों को आरक्षण देना चाहती है। इस कारण तिथि बढा रही है। लेकिन अधिकारियों का दावा था कि इसमें कोई तकनीकी खामी है।
इस कारण आवेदन की तिथि बढ़ाई जा रही है। अब राज्य सरकार की ओर से एमबीसी आरक्षण कोटे की अधिसूचना जारी होते ही निदेशालय ने स्पष्ट कर दिया कि इस भर्ती में एमबीसी कोटे में आवेदन करने वालों को शुल्क के साथ फिर से आवेदन करना होगा। भले ही उन्होंने पहले ओबीसी कोटे में आवेदन कर दिया हो। साथ ही निदेशालय ने यह भी कहा कि आवेदक का अंतिम आवेदन ही स्वीकार किया जाएगा। आवेदन भरने में कोई खामी रह जाती है तो इसके लिए अभ्यर्थी खुद जिम्मेदार होगा और करेक्शन की सुविधा नहीं दी जाएगी। निदेशालय ने इस भर्ती में एमबीसी कोटे की सीटों की संख्या भी तय कर दी है।
राज्य सरकार की ओर से मोर बैकवर्ड क्लास (एमबीसी) का आरक्षण का कोटा तय होते ही यह खामी दूर हो गई। अब निदेशालय ने 1 जनवरी तक एमबीसी कोटे में आने वाले अभ्यर्थियों से आवेदन मांगे हैं।
अध्यापक लेवल द्वितीय (कक्षा 6 से 8) नॉन टीएसपी एरिया के लिए हो रही इस भर्ती के लिए अब तक 5 बार आवेदन की तिथि बढ़ाई जा चुकी थी। दैनिक भास्कर ने इस मामले पर खबर प्रकाशित कर कहा था कि सरकार इस भर्ती से ही गुर्जरों को आरक्षण देना चाहती है। इस कारण तिथि बढा रही है। लेकिन अधिकारियों का दावा था कि इसमें कोई तकनीकी खामी है।
इस कारण आवेदन की तिथि बढ़ाई जा रही है। अब राज्य सरकार की ओर से एमबीसी आरक्षण कोटे की अधिसूचना जारी होते ही निदेशालय ने स्पष्ट कर दिया कि इस भर्ती में एमबीसी कोटे में आवेदन करने वालों को शुल्क के साथ फिर से आवेदन करना होगा। भले ही उन्होंने पहले ओबीसी कोटे में आवेदन कर दिया हो। साथ ही निदेशालय ने यह भी कहा कि आवेदक का अंतिम आवेदन ही स्वीकार किया जाएगा। आवेदन भरने में कोई खामी रह जाती है तो इसके लिए अभ्यर्थी खुद जिम्मेदार होगा और करेक्शन की सुविधा नहीं दी जाएगी। निदेशालय ने इस भर्ती में एमबीसी कोटे की सीटों की संख्या भी तय कर दी है।
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