पिछले लंबे समय से शिक्षा विभाग में अस्थाई संविदा पर लगे कर्मचारियों को
सरकारी नौकरी लगाकर स्थाई करने के लिए सरकार ने शिक्षा सहायक की भर्ती
निकाली थी। जिसमें अनुभव के आधार पर 15 नंबर, 15 नंबर का साक्षात्कार 70
नंबर शैक्षणिक योग्यता के आधार पर लिए जाने थे।
यह भर्ती न्यायालय में अटक गई थी। जिस पर सरकार ने शिक्षा सहायक को रद्द कर उसकी जगह विद्यालय सहायक के पद सृजित कर भर्ती के लिए 5 सितंबर 2015 को आवेदन मांगे थे। विद्यालय सहायक की भर्ती में राजस्थान भर में 33 हजार 689 पदों जैसलमेर में 498 पदों पर अनुभव के आधार पर विद्यालय सहायकों को नियुक्ति दी जानी थी।
^पिछले दो साल से भर्ती का इंतजार कर रही हूं। अब सुप्रीम कोर्ट ने भर्ती को जायज ठहरा दिया है। अब नियुक्त मिल सकती है। ललिता,आवेदक
^विद्यालय सहायक के पद पर आवेदन किया था। अभी पता चला सुप्रीम कोर्ट ने अनुभव के आधार पर भर्ती को छूट दे दी है। अब भर्ती होने की संभावनाएं बढ़ गई है। सौरभकुमार, आवेदक
इन्हें मिलना है फायदा
राजस्थानके राजकीय विद्यालय, मान्यता प्राप्त गैर राजकीय विद्यालयों, शैक्षणिक परियोजनाएं, लोक जुंबिश, सर्व शिक्षा अभियान, जिला प्राथमिक कार्यक्रम, राजीव गांधी जुंबिश परियोजना, शिक्षाकर्मी बोर्ड, मदरसा बोर्ड से सूचीबद्ध मदरसा में न्यूनतम एक वर्ष तक कार्य करने का अनुभव प्राप्त करने वालों को बोनस का फायदा मिलना था।
यह थी प्रक्रिया
विद्यालयसहायक में सीनियर सैकंडरी या समतुल्य परीक्षा उत्तीर्ण होना ही आवश्यक था। उसके बाद नियमानुसार अनुभव के आधार पर बोनस अंक देकर जिलेवार वरीयता सूची तैयार की जानी थी। 12वीं उत्तीर्ण की शैक्षणिक योग्यता के 70 प्रतिशत अधिभार के साथ अधिकतम 15 अनुभव के अनुग्रह अंक जोड़कर जिलेवार वरीयता क्रम में पांच गुना अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाना था। साक्षात्कार 15 अंकों का होना था। इस प्रकार 70 प्रतिशत शैक्षणिक आर्हता, 15 प्रतिशत अनुभव 15 प्रतिशत का साक्षात्कार में वरीयता सूची तैयार कर नियुक्ति दी जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट ने दिए निर्देश
अनुभवके आधार पर भर्ती की प्रक्रिया न्यायालय में अटकी हुई थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में निर्देश दिए है कि सरकार अनुभव के हिसाब से भी भर्ती करवा सकती है। जिस पर भर्ती प्रक्रिया पूर्ण होने की संभावनाएं बढ़ गई है। जिससे विद्यालय सहायक भर्ती के लिए आवेदन करने वालों की की उम्मीदों को पंख लग गए है।
यह भर्ती न्यायालय में अटक गई थी। जिस पर सरकार ने शिक्षा सहायक को रद्द कर उसकी जगह विद्यालय सहायक के पद सृजित कर भर्ती के लिए 5 सितंबर 2015 को आवेदन मांगे थे। विद्यालय सहायक की भर्ती में राजस्थान भर में 33 हजार 689 पदों जैसलमेर में 498 पदों पर अनुभव के आधार पर विद्यालय सहायकों को नियुक्ति दी जानी थी।
^पिछले दो साल से भर्ती का इंतजार कर रही हूं। अब सुप्रीम कोर्ट ने भर्ती को जायज ठहरा दिया है। अब नियुक्त मिल सकती है। ललिता,आवेदक
^विद्यालय सहायक के पद पर आवेदन किया था। अभी पता चला सुप्रीम कोर्ट ने अनुभव के आधार पर भर्ती को छूट दे दी है। अब भर्ती होने की संभावनाएं बढ़ गई है। सौरभकुमार, आवेदक
इन्हें मिलना है फायदा
राजस्थानके राजकीय विद्यालय, मान्यता प्राप्त गैर राजकीय विद्यालयों, शैक्षणिक परियोजनाएं, लोक जुंबिश, सर्व शिक्षा अभियान, जिला प्राथमिक कार्यक्रम, राजीव गांधी जुंबिश परियोजना, शिक्षाकर्मी बोर्ड, मदरसा बोर्ड से सूचीबद्ध मदरसा में न्यूनतम एक वर्ष तक कार्य करने का अनुभव प्राप्त करने वालों को बोनस का फायदा मिलना था।
यह थी प्रक्रिया
विद्यालयसहायक में सीनियर सैकंडरी या समतुल्य परीक्षा उत्तीर्ण होना ही आवश्यक था। उसके बाद नियमानुसार अनुभव के आधार पर बोनस अंक देकर जिलेवार वरीयता सूची तैयार की जानी थी। 12वीं उत्तीर्ण की शैक्षणिक योग्यता के 70 प्रतिशत अधिभार के साथ अधिकतम 15 अनुभव के अनुग्रह अंक जोड़कर जिलेवार वरीयता क्रम में पांच गुना अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाना था। साक्षात्कार 15 अंकों का होना था। इस प्रकार 70 प्रतिशत शैक्षणिक आर्हता, 15 प्रतिशत अनुभव 15 प्रतिशत का साक्षात्कार में वरीयता सूची तैयार कर नियुक्ति दी जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट ने दिए निर्देश
अनुभवके आधार पर भर्ती की प्रक्रिया न्यायालय में अटकी हुई थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में निर्देश दिए है कि सरकार अनुभव के हिसाब से भी भर्ती करवा सकती है। जिस पर भर्ती प्रक्रिया पूर्ण होने की संभावनाएं बढ़ गई है। जिससे विद्यालय सहायक भर्ती के लिए आवेदन करने वालों की की उम्मीदों को पंख लग गए है।
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